शिमला/शैल। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने अपने पहले ही बजट भाषण में साफ कर दिया है कि उनकी सरकार पूरी तरह कर्जों और केन्द्र की सहायता पर आश्रित है और बेरोजगारी को दूर करने के लिये उनके पास कोई योजना नही है। उन्होने बजट को बेरोजगारों और युवा वर्ग से बड़ा धोखा करार दिया। अभी कुछ महीने पहले ही चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी लगातार प्रदेश में बेरोजगारी की दुहाई दे रही थीं वायदा था सत्ता परिवर्तन पर वे बड़े पैमाने पर नौकरियों का प्रबन्धन करेगी लेकिन मौजूदा बजट में न तो नौकरियों का प्रावधान किया गया और न ही बेरोजगारी दूर करने की दिशा में ही कोई पुख्ता पहल की गई है। उल्टे बेरोजगारी भत्ता जैसी महत्वकांक्षी योजना को भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होने दलील दी कि मंहगाई जैसे ज्वलंत मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री खामोश रहे।
मुख्यमंत्री ने सारा ध्यान प्राईवेट सैक्टर की तरफ केन्द्रित किया है और हिमाचल के भोले भाले लोगों से चुनाव में किये गए वायदों को नज़रअन्दाज कर दिया है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री का पहला बजट भाषण क्रान्तिकारी और प्रदेश को आगे ले जाने की दिशा में कोई पहल करने वाला होना चाहिये था लेकिन ऐसी कोई भी सोच मुख्यमन्त्री के बजट भाषण के माध्यम से नही दिख पाई हैं और बजट में न तो कोई नयापन है और न ही कोई नई सोच इस बजट में सामने आई है। मुख्यमंत्री ने लम्बे बजट भाषण में छोटी- छोटी प्रोत्साहन राशि देकर अपनी पीठ थप-थपाने की कोशिश की है। अन्यथा यह न तो भाजपा के दृष्टिपत्र और न ही घोषणा पत्र को पूरा करने का कोई प्रयास है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट के शुरूआत में ही यह दलील दी कि पूर्व सरकारों ने कर्जे लेकर सरकारें चलाई है लेकिन बजट के अंत में यह साफ कर दिया कि वे भी कर्जे लेने के र्फामूले पर ही चलेंगे और बजट के घाटे को कर्जो से और केन्द्रिय रियायतों से ही करेंगें जिसकी शुरूआत हो भी चुकी है। सरकार ने शुरूआती दौर में दो हज़ार करोड़ के कर्जे ले भी लिये है। उन्होने कहा कि बजट उन्ही अधिकारियों ने बनाया हैं जो पहले भी बनाते आये है। इसलिये इसमें वही शेरो -शायरी और साहित्यिक अंदाज डालकर मुख्यमंत्री को खुश करने का प्रयास किया है। इसके अलावा पूर्व सरकार के समय में जो योजना चलाई गई उन्हे अपने खाते में डालने का अनावश्यक प्रयास किया है। उन्होने कहा कि कौशल विकास भत्ता योजना पूर्व सरकार के शासन से चली आ रही है और डेढ लाख से अधिक बेरोज़गारों को इसका फायदा भी मिल चुका है हर साल इसके लिए जिस तरह 100 करोड़ रखा जाता था उसी नीति पर वर्तमान सरकार भी चल रही है। जबकि बेरोजगारी भत्ते को समाप्त कर बेरोजगारों पर कुठाराघात करने का प्रयास किया है। उन्होने कहा कि 3 मैडिकल काॅलेजों की योजना भी कांग्रेस शासन के समय से चली आ रही है उसे भी भाजपा अपने खाते में डालने की अनावश्यक प्रास कर रही है जब कि यह पूर्व केन्द्रिय मंत्री गुलाम नवी आज़ाद के समय में हालिस हुई थी। डिजिटल राशन कार्ड योजना भी कांग्रेस के समय में ही शुरू हो चुकी है और उन्होने खेत संरक्षण योजना या पोली हाऊस योजनायें, सस्ता राशन अन्न योजना यह भी पहले से चली आ रही याजनायें है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस बजट में भाजपा के वायदो के अनुरूप Entry टैक्स हटाने का कोई प्रावधान सरकार ने नहीं किया है। रूसा को समाप्त कर विद्यार्थीयों को लुभाने के लिए जो एलान किये जाते रहे हैं उसका एलान भी नही हुआ है। गरीबों के लिए आवास योजना राशि बढाने की तरफ भी कोई कदम नही उठाया गया है। उन्होने कहा कि सरकार सत्ता के पहले दौर में कर्मचारियों के तबादलों व जश्न मे उलझी रही इसलिये बजट के लिए कोई पुख्ता समय उपलब्ध नही करवा सकी। इस बजट में जयराम सरकार कोई भी दूरदर्शी कदम नही उठा पाई है।