शिमला/शैल। अदाणी पावर ने 280 करोड़ वापिस लेने के लिये प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। इस याचिका पर अब तक हुई सुनवाई में सरकार के महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय से यह कहकर टाईम लिया था कि सरकार इस मामले पर फैसला लेने के लिये इसे मन्त्री परिषद की बैठक में ले जायेगी। लेकिन चुनावी आचार संहिता लागू होने के चलते अभी ऐसा नही कर पायी है। इस पर उच्च न्यायालय ने सरकार को समय देते हुए 19 जून को इसकी सुवनाई रखी है। मुख्यमन्त्री अपने विदेश दौरे से 17 को वापिस आयेंगे। ऐसे में क्या 18 जून को मन्त्री परिषद की बैठक हो पाती है या इसमें एक बार फिर अदालत से और समय दिये जाने की गुहार लगायी जाती है यह अभी साफ नही है। इस मामले को मन्त्री परिषद में ले जाया जायेगा अदालत में यह ब्यान 26 अप्रैल को महाधिवक्ता का है। लेकिन महाधिवक्ता के इस ब्यान का संज्ञान लेते हुए प्रधान सचिव पावर प्रबोध सक्सेना ने 27 अप्रैल को ही फाईल पर यह सवाल उठा दिया था कि महाधिवक्ता को अदालत में ऐसा आश्वासन देने के जब उन्होंने निर्देश नही दिये थे तब ऐसा किसके निर्देश पर हुआ और इसी के साथ फाईल मुख्यमन्त्री को भेज दी थी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह फाईल अभी तक मुख्यमन्त्री के कार्यालय से वापिस प्रधान सचिव सक्सेना के यहां नही पहुंची है।
स्मरणीय है कि अदाणी पावर जो 280 करोड़ सरकार से वापिस मांग रहा है उस पर कानूनन उसका कोई हक नही है क्योंकि जिस जंगी थोपन पवारी परियोजना के अपफ्रन्ट प्रिमियम के तौर पर अदाणी ने यह पैसा जमा करवाया था उसमें अधिकारिक तौर पर अदाणी का कोई लेना देना ही नही है। क्योंकि यह परियोजना नीदरलैण्ड की कंपनी ब्रकेल कारपोरेशन एनबी को आवंटित हुई थी। इसकी निविदाओं में अदाणी शामिल ही नही था और न ही ब्रेकल का कोई हिस्सेदार था। निविदाओं में रिलांयस दूसरे स्थान पर था। जब ब्रेकल इसमें समय पर 260 करोड़ का अपफ्रन्ट प्रिमियम जमा नही करवा पाया था। तब इस पर रिलांयस ने एतराज उठाया और मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा दिया। सर्वोच्च न्यायालय में भी सरकार ने अपना पक्ष रखते हुय कहा है कि उसने ब्रेकल को इसमें हुए 2700 करोड़ के नुकसान की भरपाई करने तक का नोटिस दे रखा है। सरकार के इस स्टैण्ड के बाद सरकार, ब्रेकल और रिलायंस के बीच कुछ पका तथा मामला वापिस ले लिया गया। अदाणी ने ब्रेकल की ओर से 280 करोड़ जमा करवा दिये क्योंकि ब्रेकल को 20 करोड़ का जुर्माना भी लग गया था।
जब रिलायंस ने ब्रेकल द्वारा अपफ्रन्ट प्रिमियम जमा न करवाने पर एतराज उठाया और अपना हक जताया तब सरकार ने ब्रेकल के दस्तावेजों की जांच की। इस जांच में ब्रेकल पर गलत ब्यानी करने का आरोप लगा और उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करवाने की संस्तुति की गयी। लेकिन यह मामला आज तक दर्ज नही हुआ। लेकिन इसी दौरान जब 2014 में केन्द्र में सरकार बदल गयी और वीरभद्र के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला गंभीर हो गया तब ब्रेकल प्रकरण पर सरकार की राय बदल गयी। तब 2015 में वीरभद्र सरकार ने अदाणी को यह 280 करोड़ देने का फैसला ले लिया। उस दौरान वीरभद्र के एक अतिविश्वस्त नौकरशाह और अदाणी के लोगों के बीच काफी वार्ताएं होने की चर्चा भी उठी थी। यहां तक कहा गया था कि सरकार अदाणी के यह 280 करोड़ वापिस देगी और बदले में अदाणी वीरभद्र की मद्द करेंगे क्योंकि वह प्रधानमन्त्री मोदी के विश्वस्त हैं। इन चर्चाओं का परिणाम तब सामने भी आ गया जब 26 अक्तूबर 2017 को वीरभद्र सरकार के तत्कालीन विशेष सचिव पावर और अतिरिक्ति मुख्य सचिव पावर के बीच चर्चा होने के बाद सरकार की ओर अदाणी को पत्र भेजकर सूचित कर दिया कि सरकार ने उसके 280 करोड़ वापिस करने का फैसला ले लिया है। सरकार का यह फैसला तब मीडिया की चर्चा का विषय भी बना था तब इस चर्चा के बाद फिर फैसला बदल दिया गया और 7 दिसम्बर 2017 को नये विशेष सचिव पावर के यहां से अदाणी को पत्र चला गया कि सरकार ने 2015 का फैसला रद्द कर दिया है और अक्तूबर में लिखा पत्रा वापिस समझा जाये।
अब सरकार बदलने के एक वर्ष बाद अदाणी फिर उच्च न्यायालय पहुंच गये हैं और 18% ब्याज सहित 28 करोड़ वापिस दिये जाने की मांग की याचिका दायर कर दी है। लेकिन जयराम सरकार ने दिसम्बर 2017 के फैसले के आधार पर इस याचिका को डिसमिस करने का आग्रह करने की बजाये इस मामले को मन्त्री परिषद में ले जाने का आश्वासन दे रखा है। कायदे से तो इस सरकार को इसमें आपराधिक मामला दर्ज करके जांच करवानी चाहिये थी। क्योंकि प्रदेश को हजारों करोड़ का नुकसान हो चुका है और सरकार ने स्वयं इस नुकसान का आाकलन किया है। लेकिन अब इस सरकार की नीयत भी सन्देह के घेरे में आ गयी है। इसमें सबसे रोचक तो यह हो गया है कि प्रधान सचिव पावर सक्सेना ने महाधिवक्ता के ब्यान पर सवालिया निशान लगाते हुए फाईल मुख्यमन्त्री को भेज दी जहां से यह अब तक वापिस नही आयी है और आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं फाईल गुम तो नही हो गयी है।