शिमला/शैल। कांग्रेस ने आज प्रदेशों के राजभवनों के बाहर ‘‘लोकतन्त्र बचाओ’’ के लिये धरना प्रदर्शन आयोजित किया है। इस धरने के निर्देश राजस्थान के राज्यपाल के व्यवहार पर विरोध प्रदर्शन के लिये दिये गये थे। राजस्थान में जो कुछ घट रहा है उस पर पूरे देश की नजरें लगी हुई हैं क्योंकि राज्यपाल का आचरण लोकतन्त्र के भविष्य के लिये एक महत्वपूर्ण संकेतक होने जा रहा है। इसलिये आज समय की आवश्यकता है कि इस मुद्दे को पूरे विस्तार के साथ देश की जनता के सामने रखा जाये। कांग्रेस को यह जिम्मेदारी निभानी है और इसीलिये धरने प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया था।प्रदेश कांग्रेस ने भी अध्यक्ष कुलदीप राठौर की अगुवाई में राजभवन में यह धरना दिया है। इस धरने में करीब साठ कार्यकर्ता और एक विधायक अनिरूद्ध शामिल हुए हैं। यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम था और इसमें केवल एक ही विधायक का शामिल होना कई सवाल खडे़ कर जाता है। क्योंकि शिमला जिला से ही नन्दलाल, विक्रमादित्य और मोहन लाल ब्राक्टा भी विधायक हैं। शिमला के अतिरिक्त सोलन और सिरमौर तथा बिलासपुर भी निकट लगते ज़िलें हैं। लेकिन इस आयोजन में यहां के विधायक नही आ पाये। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भी इसमें नही आ पाये हैं। राजनीतिक विश्लेष्कों के मुताबिक यह प्रदर्शन एक बड़ा शो होना चाहिये था। इसमेें सारे विधायक और राज्य कार्यकारिणी के भी सारे सदस्य शामिल रहते तो इसका एक बड़ा संदेश जनता में जाता। यही नही अभी रोहडू में बाॅलीबाल टूर्नामैन्ट का आयोजन हुआ जिसमें कोरोना के सारे निर्देशों का खुला उल्लघंन हुआ। इस पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया तक नही आयी है जबकि रोहडू से कांग्रेस के ही विधायक चुनकर आये हैं।
प्रदेश कांग्रेस का प्रदर्शन राज्य से जुड़े मुद्दों पर आक्रामक नही रह रहा है। कोरोना के संद्धर्भ में राज्य सरकार आज प्रदेश की जनता से पूछ रही है कि लाॅकडाऊन लगाया जाना चाहिये या नही। यह पूछना सरकार की कोरोना को लेकर बनी नीतियों की असफलता का खुला स्वीकार है लेकिन इस अहम मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अभी तक चुप बैठी है। वैसे भी प्रदेश कांग्रेस के आचरण से उसके सरकार की बी टीम होने की गंध आने लग गयी है क्योंकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर कांग्रेस जयराम सरकार से कोई सवाल नही पूछ रही है। कांग्रेस के आज के धरने से यह सारे सवाल उठ गये हैं कि क्या प्रदेश कांग्रेस इस तरह के रूख से भाजपा का सामना कर पायेगी। क्या आज इस तरह का विपक्ष प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा कर पायेगी।