क्या अनुराग ठाकुर सरकार की असफलताओं पर आर्शीवाद मांगेंगे

Created on Tuesday, 17 August 2021 12:58
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। केन्द्रिय सूचना एवम् प्रसारण मन्त्री अनुराग ठाकुर पांच दिन की जन आशीर्वाद यात्रा पर प्रदेश में आ रहे हैं। यह यात्रा 19 अगस्त को हिमाचल भवन चण्डीगढ़ से शुरू होकर 23 अगस्त को शाम को ऊना के मैहतपुर में समाप्त होगी। इस यात्रा में प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य स्थानों को कवर किया जायेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जब यह यात्रा तय की गयी थी तब इसके रूट में मण्डी संसदीय क्षेत्र शामिल नहीं था। लेकिन बाद में इसमे मण्डी संसदीय क्षेत्र को भी जोड़ दिया गया। सूचना एवम् प्रसारण मन्त्री बनने के बाद अनुराग ठाकुर की यह पहली यात्रा है प्रदेश की ओर वह भी आशीर्वाद यात्रा के रूप में। इस समय देश में लोकसभा के लिये चुनाव नहीं होने जा रहे हैं और न ही प्रदेश की विधानसभा के लिये आम चुनाव हो रहे हैं। प्रदेश में केवल चार उपचुनाव होने हैं जिनमें तीन विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र शामिल है। यह चुनाव भी कब होंगे यह भी अभी अनिश्चित है क्योंकि चुनाव आयोग ने 30 अगस्त तक कोरोना की नयी एसओपी के तहत राज्य से रिपोर्ट तलब की है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वभाविक है कि भाजपा इस यात्रा में किन उपलब्धियों के लिये प्रदेश की जनता से आशीर्वाद मांगेगी। मण्डी संसदीय क्षेत्र के सांसद स्व. रामस्वरूप शर्मा की आत्महत्या के बाद मण्डी सीट खाली हुई है। इस आत्महत्या पर दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज है। स्व.रामस्वरूप शर्मा का बेटा दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठा चुका है। विधानसभा के अभी हुए सत्र में विपक्ष इसकी सीबीआई से जांच करवाने की मांग कर चुका है। क्या अनुराग ठाकुर इस यात्रा में रामस्वरूप के परिजनों को कोई ठोस आश्वासन दे पायेंगे।
अभी विधानसभा के सत्र में बेरोज़गारों और आऊटसोर्स के माध्यम से पिछले दरवाज़े से मैरिट को नज़रअन्दाज करके भर्तियां करने के आरोप सरकार पर लगे हैं। विपक्ष ने यह आरोप लगाया है कि आऊटसोर्स के माध्यम से प्रदेश में आठ हज़ार लोगों की भर्ती की गयी है और उसमें से पांच हज़ार लोग मुख्यमन्त्री और जल शक्ति मन्त्री के चुनाव क्षेत्रों से ही भर्ती कर लिये गये हैं। क्या अनुराग इस आरोप की जांच का आश्वासन दे पायेंगे या इस मुद्दे को प्रधानमन्त्री तक भी पहुंचाने का वायदा कर पायेंगे। प्रचार प्रसार पर हुए खर्च की जानकारी विधानसभा से ही छुपायी जा रही है। सरकारी धन को ऐच्छिकता से खर्च किया जा रहा है। क्या अनुराग ठाकुर इसका भी जवाब दे पायेंगे। भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान हटाने के लिये आईपीसी की धारा 505(2) के तहत मामला दर्ज किया जाना कैसे उचित है क्या इसका जवाब यात्रा में आ पायेगा।
आज प्रदेश कर्ज में इतना डूब चुका है कि सारा भविष्य दाव पर लग गया है। बजट सत्र में कांग्रेस विधायिका आशा कुमारी ने तीन वर्षो में प्रतिवर्ष सरकार की कुल आय और खर्च का ब्यौरा मांगा था। इसमें जो जवाब सदन के पटल पर रखा गया है उसके मुताबिक आय और व्यय में करीब 28000 करोड़ का अन्तर है। स्वभाविक है इस अन्तर को पाटने के लिये या तो कर्ज का सहारा लिया गया या फिर इतने कार्यों को अंजाम ही नहीं दिया गया। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के हजारों पद खाली हैं। जितने प्रतिवर्ष सेवानिवृत होते हैं उतने भी नहीं भरे जाते हैं। मंहगाई चरम पर है और यही स्थिति बेरोज़गारी की है। इस परिदृश्य में जब पार्टी उपचुनावों का सामना करेगी तो जनता का सहयोग क्या मिलेगा इसका अन्दाजा लगाया जा सकता है। 2014 से 2019 तक हर चुनाव में स्व. वीरभद्र सिंह पर लगे आरोपों को भुनाया गया था। परन्तु आज उनकी मौत के बाद सारा परिदृश्य बदल गया है। आज जन सहानुभूति उनके साथ है। यह धारणा बन चुकी है कि उनके खिलाफ आधार हीन मामले बनाये गये और लटका कर रखने की नीति पर चलते रहे हैं। ऐसे में क्या अनुराग सरकार की असफलताओं पर जनता से आशीर्वाद मांग पायेंगे।