राष्ट्रपति चुनाव में आम आदमी पार्टी का वोट कहां जायेगा

Created on Monday, 11 July 2022 13:00
Written by Shail Samachar

पार्टी के भविष्य के प्रति यह एक बड़ा संकेत होगा

शिमला/शैल। आम आदमी पार्टी ने अब हिमाचल इकाई में अठारह प्रवक्ताओं की नियुक्ति कर दी है। लेकिन अभी भी प्रदेश इकाई शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों से आगे नहीं बढ़ पायी है। फिर शिक्षा और स्वास्थ्य में भी कैसे आगे बढ़ेंगे इसका भी कोई ब्लूू प्रिन्ट अभी जनता के सामने नहीं आ पाया है। संसाधन कहां से आयेंगे इसके लिए भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने का दावा केजरीवाल और सिसोदिया अपनी रैलियों में करते रहे हैं। लेकिन प्रदेश के किस विभाग में किस मंत्री या अधिकारी के साये तले कितना भ्रष्टाचार हुआ है इसमें भी अभी तक कोई चिन्हित नहीं हो पाया है। अब तक जो भी प्रचार-प्रसार हो रहा है वह एक सामान्य हवा पार्टी के पक्ष में बनाने से अधिक कुछ नहीं लग रहा है। इसी से पार्टी की नीयत को लेकर आशंकाएं उभरनी शुरू हो गयी है। क्योंकि पार्टी का बहुचर्चित दिल्ली मॉडल मुफ्ती की घोषणाओं से अधिक कुछ नहीं है। इस मुफ्ती की घोषणाओं ने देश की आर्थिकी पर कितना और क्या असर डाला है इसका खुलासा आर.बी.आई. की जून माह में आयी रिपोर्ट से सामने आ चुका है। इसी सब पर केंद्र के अधिकारी प्रधानमंत्री को एक बैठक में आगाह कर चुके हैं। इस बैठक में अधिकारियों ने साफ कहा था कि यदि मुफ्ती की घोषणाओं पर समय रहते नियंत्रण न पाया गया तो कुछ राज्यों के हालात श्रीलंका जैसे कभी भी हो सकते हैं। ऐसे दस राज्यों की आर.बी.आई. सूची भी जारी कर चुका है और श्रीलंका में हालात क्या हो गये हैं यह सब के सामने है।
इस परिपेक्ष में आज राष्ट्रपति चुनाव एक ऐसा अवसर है जिसमें राजनीतिक दलों की नीयत और नीति दोनों का खुलासा जनता के सामने आ जायेगा। क्योंकि आज जो दस राज्य श्रीलंका जैसे मुकाम पर पहुंच चुके हैं उसके लिये पिछले 8 वर्षों में केंद्र सरकार की जो नीतियां रही हैं वह भी बहुत हद तक जिम्मेदार रही हैं। ऐसे में इस राष्ट्रपति चुनाव में कौन सी पार्टी सत्ता पक्ष और कौन सी विपक्ष के उम्मीदवार के साथ खड़ी होती है इससे पता चल जायेगा कि कौन परोक्ष-अपरोक्ष में सत्ता पक्ष के साथ है या उसके विरोध में। इस समय आप की दिल्ली और पंजाब दो राज्यों में सरकारें हैं। राज्यसभा में आप के सांसद हैं। लेकिन आप ने अभी तक अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं किया है कि वह एनडीए के साथ हैं या विपक्ष के साथ हैं। केजरीवाल विपक्ष की सर्वदलीय बैठक से गायब रहे हैं। ऐसे में यदि आप एनडीए के पक्ष में वोट करती है तो उसका असर हिमाचल में भी आप के भविष्य पर पड़ेगा। यह माना जायेगा कि आप हिमाचल में केवल भाजपा की मदद करने के लिये ही मैदान में आ रहा है। वैसे यह आरोप बहुत पहले से लगना शुरू हो गया है कि आप उन्ही राज्यों में सक्रिय भूमिका निभाता है जहां पर भाजपा के साथ कांग्रेस सीधे मुकाबले में होती है। हिमाचल में भी भाजपा को कांग्रेस से खतरा है और इसलिए आप यहां चुनाव लड़ने की बात कर रही है।