क्यों नहीं आ रहा है कांग्रेस का आरोप पत्र

Created on Tuesday, 26 July 2022 13:32
Written by Shail Samachar

शान्ता कुमार की आत्मकथा में ही भाजपा सरकार पर लगाये गये आरोपों पर भी क्यों चुप है प्रदेश कांग्रेस
क्या रस्मी धरना प्रदर्शनों से ही कांग्रेस सफल हो जायेगी?

शिमला/शैल। इस समय राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ही भाजपा को सीधी चुनौती दे रही है। अन्य विपक्षी दल इसमें बहुत पीछे चल रहे हैं। बल्कि यह कहना ज्यादा सही होगा कि अन्य दलों में तोड़फोड़ करके उन को कमजोर करने की रणनीति पर सरकार और भाजपा चल रही है। कांग्रेस नेतृत्व को ईडी में उलझाने की कवायद की जा रही है। कांग्रेस में पहले राहुल गांधी और अब सोनिया गांधी को ईडी द्वारा पूछताछ के लिये बुलाया जाना इसके प्रमाण हैं। कांग्रेस ईडी को लेकर पूरी आक्रामकता के साथ देशभर में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रही है। नेतृत्व का एक वर्ग ईडी मामले की सच्चाई भी जनता के सामने रखता जा रहा है ताकि जनता को यह विश्वास दिलाया जा सके कि इस मामले में इन नेताओं को जबरदस्ती उलझाया जा रहा है। कांग्रेस के लिये यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है और यह आवश्यक हो गया है कि सरकार और भाजपा को उसके ही भ्रष्टाचार पर घेरा जाये। यह कहने के लिये जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वहां की कांग्रेस ईकाईयों को भी इस में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। हिमाचल में भाजपा की सरकार है और कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। लेकिन यह एक अजीब संयोग है कि कांग्रेस इस सरकार के खिलाफ अभी तक कोई आरोप पत्र जारी नहीं कर पाई है। पिछले दिनों जब यह चर्चा उठी कि कांग्रेस जल्द ही सरकार के खिलाफ ठोस तथ्य पर आधारित एक आरोप पत्र राज्यपाल को साैंपने जा रही है। यह चर्चा सामने आते ही मुख्यमंत्री का यह ब्यान आ गया कि वह कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक समय भाजपा द्वारा सौंपे आरोप पत्र की जांच सीबीआई द्वारा करवाने पर विचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के इस ब्यान के बाद कांग्रेस का अपेक्षित आरोपपत्र फिर चर्चा से गायब हो गया है। जबकि एक समय यही कांग्रेस सदन में जयराम सरकार पर हिमाचल बेचने का आरोप लगा चुकी है। कांग्रेस के समय में एकल खिड़की योजना के तहत पारित हुये सीमेंट उद्योग जयराम सरकार में कैसे लालफीताशाही का शिकार हुये हैं। इसको लेकर प्रोमोटर शिकायत तक कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस इन मुद्दों पर एकदम चुप चल रही है और इस चुप्पी को लेकर अब सवाल उठने शुरू हो गये हैं। भाजपा सरकार के खिलाफ एक समय केंद्र में मंत्री रहे शान्ता कुमार ने अपनी आत्मकथा में बहुत ही गंभीर आरोप लगाये हुये हैं। शान्ता ने यहां तक आरोप लगाया है कि इस भ्रष्टाचार की जांच की मांग करने के कारण ही उन्हें वाजपेयी मंत्रिमण्डल से हटा दिया गया था। शान्ता कुमार ने अपनी आत्मकथा में सरकार से लेकर अब की मोदी सरकार के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाये हैं। यदि प्रदेश की कांग्रेस इकाई शान्ता कुमार की आत्मकथा में उठाये गये मुद्दों पर ही मोदी सरकार से प्रश्न पूछने का साहस जुटा पाती है तो उसी से केंद्र सरकार कटघरे में खड़ी हो जाती है। क्योंकि यह आरोप तो स्वयं भाजपा के ही केंद्र में मंत्री रहे व्यक्ति द्वारा लगाये गये हैं। लेकिन प्रदेश कांग्रेस का सारा नेतृत्व जिस तरह से केंद्र से निर्देशित धरना प्रदर्शनों तक ही अपने को सीमित रख रही है उससे कई सवाल उठने शुरू हो गये हैं।