टीसीपी का 20000 भवन मालिकों को नोटिस

Created on Monday, 28 August 2023 08:29
Written by Shail Samachar
शिमला/शैल। इस आपदा में जिस पैमाने पर भूस्खलन और मकान गिरने की घटनाएं सामने आयी हैं उससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है की बहुमंजिला निर्माण की अनुमति कैसे दी गयी है। 16 नवम्बर 2017 में एन.जी.टी. ने शिमला में अढ़ाई मंजिल से अधिक निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन इस प्रतिबंध के बाद भी हजारों की संख्या में अवैध निर्माण हुये हैं। न्यायालय तक आयी जानकारी के मुताबिक ऐसे अवैध निर्माणों की संख्या 20000 से अधिक है। इस आपदा में जब बहुमंजिला निर्माण चर्चा में आये हैं उसके बाद टीसीपी विभाग हरकत में आया है।
नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्रों में भवन निर्माणों के नक्शे पास करने की जिम्मेदारी इन निकायों को दी गयी है। अब टीसीपी विभाग ने इन निकायों को निर्देश जारी किये हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे निर्माणों के खिलाफ कारवाई करें। इस कारवाई के तहत पहले कदम के रूप में नोटिस जारी किये जा रहे हैं। जिनके नक्शे नियमानुसार स्वीकृत होंगे केवल उन्हें ही निर्माण की अनुमति दी जायेगी। अवैध निर्माणों के बिजली और पानी के कनेक्शन काटने के भी निर्देश दिये गये हैं। प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार ने माना है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ नोटिस जारी किये जा रहे हैं। यह आरोप लग रहा है कि इन निर्माणों में पानी की निकासी का उचित प्रबंध नहीं किया गया है और न ही निर्माणों में उचित गुणवत्ता की सामग्री का प्रयोग हुआ है।
इस आपदा के बाद उठी आलोचनाओं के कारण सरकार ने भवन निर्माणों के लिये वांछित मनकों का सख्ती से अनुपालना किये जाने के निर्देश जारी किये हैं। लेकिन इसी के साथ यह आशंकाएं भी उभर रही हैं कि यह सख्ती के निर्देश आपदा के कारण सरकार की नीतियों पर उठते सवालों का माध्यम होकर ही न रह जायें। जिन संबद्ध अधिकारियों ने ऐसे अवैध बहुमंजिला निर्माणों के प्रति आंखें मूंद रखी थी जब तक उनके खिलाफ कारवाई नहीं होगी तब तक ऐसी अवैधताओं पर विराम लगाना कठिन हो जायेगा।