क्या यह शिकायत मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य का सच सामने लाने का प्रयास है

Created on Tuesday, 05 September 2023 11:14
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया मंचों पर उठी चर्चाओं का कड़ा संज्ञान लेते हुए कांग्रेस सचिव बलदेव ठाकुर ने एसपी शिमला को शिकायत भेज कर आरोप लगाया है कि कुछ शरारती अफवाहें फैला रहे हैं और उनके खिलाफ कारवाई की जानी चाहिए। इस शिकायत पर जांच भी शुरू हो गयी है। इस परिपेक्ष में बलदेव ठाकुर की शिकायत का विश्लेषण करना आवश्यक हो जाता है। बलदेव ठाकुर ने अपनी शिकायत में लिखा है कि प्रदेश सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री के खराब स्वास्थ्य को लेकर कोई भी बुलेटिन जारी नहीं किया गया है और न ही किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कोई ऐसा दावा किया है। बलदेव ठाकुर का यह कहना बिल्कुल सही है कि सरकार या किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से ऐसी कोई रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। ऐसे में क्या इस शिकायत को ही ब्रह्म वाक्य मानकर पुलिस सोशल मीडिया के खिलाफ कारवाई शुरू कर देगी या इस शिकायत को आधार बनाकर जांच शुरू करेगी। स्मरणीय है की स्वास्थ्य को लेकर चर्चाएं एक ज्योतिषीय भविष्यवाणी से शुरू हुई थी। उसके बाद मुख्यमंत्री के चण्डीगढ़ प्रवास के दौरान फोर्टिस में चेकअप करवाने को लेकर एक सोशल मीडिया मंच पर रिपोर्ट आयी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री चण्डीगढ़ प्रवास दौरान सरकार के हिमाचल भवन में न ठहर कर कहीं और ठहरे थे। लेकिन फोर्टिस की ओर से कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं हुआ है। यदि मुख्यमंत्री को कोई उपचार दिया गया होगा तो उसके बिल का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया गया होगा। मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री किसी कारणवश अस्पताल पहुंच जाता है और उसे वहां दाखिल कर लिया जाता है तो उस स्थिति में अस्पताल के प्रशासन को हेल्थ बुलेटिन जारी करना पड़ता है। लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। ऐसे में इस शिकायत के बाद इस सब की जांच करना आवश्यक हो जायेगा कि सही में मुख्यमंत्री फोर्टिस गये थे या नहीं। गये थे तो उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई बुलेटिन जारी क्यों नहीं हुआ। मुख्यमंत्री की रक्षा सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है। इस पर सरकार खर्च करती है। सरकार द्वारा खर्च किये गये हर पैसे की जानकारी जनता को मिलना आवश्यक है। ऐसे में इस शिकायत के बाद पुलिस को इन सारे पक्षों की जांच करना आवश्यक हो जायेगा। क्योंकि बलदेव ठाकुर अपने में तो कोई स्वास्थ्य विशेषज्ञ है नहीं। मुख्यमंत्री की अपनी ओर से ऐसा कोई वक्तव्य आया नहीं है। राज्य सरकार की ओर से भी कोई प्रैस नोट इस संबंध में जारी नहीं हुआ है। पार्टी की ओर से भी ऐसा कोई ब्यान नहीं आया है। वैसे कुछ विश्लेषक यह भी मान रहे हैं कि यह शिकायत इस मामले की सच्चाई बाहर लाने का ठोस प्रयास है। क्योंकि पुलिस को सच्चाई तक पहुंचाने के लिये यह सारे कदम उठाने ही पड़ेंगे। ऐसे हालात में जहां तक किसी अन्य के मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने का प्रश्न है तो उससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री के लिये अधिकारिक तौर पर छुट्टी पर जाने का कोई प्रावधान नहीं है। न ही संविधान में कार्यकारी मुख्यमंत्री की कोई अवधारणा है। मुख्यमंत्री एक स्थाई पद है। यदि विधानसभा है तो मुख्यमंत्री का होना अनिवार्य है। और मुख्यमंत्री की सुनिश्चितता राज्य के राज्यपाल की जिम्मेदारी है। क्योंकि मुख्यमंत्री का स्थाई विकल्प मुख्यमंत्री ही होता है कोई दूसरा नहीं।