शिमला/बलदेव शर्मा
आयकर और ईडी ने राजस्व प्रशासन से तलब किया रिकार्ड
शिमला शहर के 65 मामले जांच के दायरे में
कालेधन के खिलाफ अपनी कारवाई को आगे बढ़ाते हुए केन्द्र सरकार के आयकर विभाग के जांच विंग और ईडी ने जिलों के राजस्व प्रशासन से पिछले चार माह में जमीन खरीद-बेच के उन मामलों का रिकार्ड तलब किया है। जिनमें 25 लाख या इससे अधिक का लेन-देन हुआ है। स्मरणीय है कि केन्द्र सरकार ने इसी वर्ष स्वेच्छा से कालाधन/बेनामी संपत्तियों की घोषणा की योजना जारी की थी। यह येाजना 30 सितम्बर को समाप्त हुई और उसके बाद इस योजना के तहत हुए खुलासों का आकलन करने के बाद 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा की गयी। अब नोटबंदी के साथ ही जमीन खरीद के बड़े मामलों की जांच शुरू की जा रही है। राजस्व प्रशासन से रिकार्ड तलब करने के साथ ही 11 जनवरी को आयकर विभाग राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में जमीन खरीद के आये रिकार्ड पर विस्तृत चर्चा की जायेगी ।
सूत्रों के मुताबिक शिमला जिला प्रशासन ने 1.4.16. से 30.11.16 तक हुए सारे जमीन खरीद-बेच सौंदो का रिकार्ड भेज दिया है। इसके मुताबिक 1.4.16 से 30.11.16 तक शिमला शहर में 25 लाख या इससे अधिक के लेन-देन की 123 रजिस्ट्रीयां हुई हैं। अगस्त से नवम्बर तक 65 रजिस्ट्रीयां हुई हैं । जबकि 8.11.2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद 2.27 करोड़ की खरीद बेच की पांच रजिस्ट्रीयां हुई है। इनमें 26.10.2016 और 4.11.2016 को शिमला के करेडू में कुल्लु-मनाली के डुंगरी निवासी बख्शी परिवार के सदस्यों के नाम रजिस्ट्रीयां हुई है। इनमें हरेक रजिस्ट्री में प्रत्येक प्लाट 325.75 वर्ग मीटर है और हर प्लाट की कीमत 28 लाख दर्ज है। इसी दौरान कलस्टन में गुडगांव निवासी चीमा परिवार ने 141.26 वर्ग मीटर 49.84 लाख में 10.10.2016 को खरीदी और 18.10.2016 गौतम नगर दिल्ली के अमित भारद्वाज ने पांजडी़ में 229.92 वर्ग मीटर 80 लाख में खरीदी है। इन दोनों मामलों में धारा 118 के तहत सरकार से अनुमति लिये जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। जबकि कुल्लु मनाली के डुंगरी निवासी बख्शी परिवार में पत्नी का कृषक प्रमाण पत्र मनाली का बना हुआ है और पति का कृषक प्रमाण पत्र नालागढ़ से बना है। नालागढ़ से कृषक प्रमाण पत्र बनाये जाने का आधार इनके दादा का कभी नालागढ़ में कृषक होना बताया गया है। क्योंकि हिमाचल सरकार ने 2014 में एक संशोधन करके उन लोगों को कृषक होने का लाभ दिया है जिनके पूर्वज कभी प्रदेश में कृषक रहे हों।
आठ नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद शहर में 2.27 करोड़ के पांच मामले पंजीकृत हुए हैं। क्या इन मामलों में सारा लेन-देन चैक के माध्यम से हुआ है। इसका पूरा खुलासा समाने नहीं आया है। बहरहाल यह सारे मामले जांच ऐजैन्सी के राडाॅर पर आ गये हैं।
नोटबंदी के बाद हुई खरीद