नड्डा ने आयोजित की दिल्ली स्थित प्रदेश के अधिकारियों से मुख्यमन्त्री की मुलाकात

Created on Tuesday, 30 January 2018 07:14
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने दिल्ली में प्रदेश काडर के केन्द्र की प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों से शनिवार को भेंट की है। यह मुलाकात केन्द्रिय स्वास्थ्य मन्त्री जगत प्रकाश नड्डा के आवास पर हुई है। नड्डा के आवास पर हुई यह बैठक स्वभाविक है कि नड्डा द्वारा ही आयोजित की गयी है। क्योंकि यदि ऐसे आयोजन का विचार मुख्यमन्त्री का अपना होता तो यह आयेाजन नड्डा के आवास पर होने की बजाये हिमाचल भवन में भी हो सकता था। नड्डा के आवास पर यह आयोजन होने से यह संदेश जाता है कि नड्डा ने इन अधिकारियों का परिचय मुख्यमन्त्री से करवाया और उनसे आग्रह किया कि वह मुख्यमन्त्री और राज्य सरकार को सहयोग प्रदान करें। दिल्ली स्थित प्रदेश के अधिकारियों से ऐसी मुलाकात किया जाना अपने में एक सकारात्मक प्रयास है लेकिन यदि इन अधिकारियों ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद नये मुख्यमन्त्री से स्वयं मुलाकात करने की पहल की होती तो इसके राजनीतिक और प्रशासनिक मायने ही बदल जाते। इससे मुख्यमन्त्री का कद और ऊंचा हो जाता। लेकिन ऐसा नही हो पाया है। आज मुख्यमन्त्री की इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक विश्लेष्कों के लिये यह सवल खड़ा हो गया है कि क्या इस समय ऐसी मुलाकात की कोई आवश्यकता थी भीे या नहीं क्योंकि केन्द्र की ओर से जो योजनाएं राज्य में लागू हैं उनके तहत केन्द्र से ज्यादा से ज्यादा सहयोग प्राप्त कर पाना राज्य के उन अधिकारियों पर निर्भर करता है जो इनके तहत प्रस्ताव तैयार करके केन्द्र को भेजते हैं। हर योजना के लिये राज्य और केन्द्र की कितनी- कितनी भागीदारी होगी इसके मानक तय रहते हैं और इन तय मानकों को नज़रअन्दाज कर पाना संभव नही हो पाता है। ऐसे में केन्द्र से यह सहयोग लेना राज्य के अधिकारियों पर ज्यादा निर्भर करता है। अभी प्रदेश सरकार ने बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल को अंजाम दिया है। इस फेरबदल में यह भी सामने आया है कि कई अधिकारी ऐसे स्थानों पर नियुक्त हो गये हैं जहां वह अपने अनुभव और योग्यता का पूरा- पूरा योगदान शायद न कर पायें। इसलिये जब तक प्रदेश के प्रशासन में अपने स्तर पर स्थिरता नही आ पायेगी तब तक केन्द्र के सहयोग का कोई ज्यादा प्रश्न ही नही उठता है। क्योंकि अभी एक माह के समय में ही सरकार ने कई ऐसे फैसलें ले लिये हैं जिनके प्रभाव से सरकार को बाहर निकलने में काफी समय लग जायेगा।
नड्डा के आवास पर हुए इस आयोजन में मुख्यमन्त्री के साथ मुख्यसचिव विनित चौधरी, पुलिस प्रमुख एस. आर. मरडी के अतिरिक्त प्रदेश के कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल रहे हैं लेकिन इस अवसर पर मुख्यमन्त्री अपने किसी सहयोगी मन्त्री को साथ नही ले गये थे। इस अवसर पर नड्डा ने राज्य तथा केन्द्र में कार्य कर रहे अधिकारियों के बीच राज्य के हित में बेहतर सामंजस्य व तालमेल पर बल दिया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों की कुशल व प्रभावशाली सेवाओं के लिये उनकी सराहना की और उम्मीद जताई कि वे भविष्य में भी केन्द्र तथा राज्य की इसी जज्बे से सेवा करना जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा केन्द्र को भेजी गई परियोजनाओं तथा प्रस्तावों की स्वीकृतियों में तेजी लाने में संबंधित मंत्रालयों में अग्र-सक्रिय भूमिका के लिये अधिकारियों से आग्रह किया ताकि विकास की गति में तेजी आ सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी भी सरकार की रीढ़ होते हैं और नीतियां व कार्यक्रमों के निर्माण तथा जमीनी स्तर पर विकासात्मक गतिविधियों के कार्यान्वयन को गति देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारत सरकार में कार्यरत अनेक कुशल अधिकारी राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से राज्य के हितों की रक्षा करने तथा राज्य की उन्नति में प्रभावी भूमिका निभाने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों से सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और सरकार उनकी बहुमूल्य सेवाओं को देखते हुए उनके हितों की रक्षा के लिये वचनबद्ध है।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने केन्द्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि सरकार की नीतियों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने के लिये हर संभव प्रयास किए जाएंगे और राज्य के लोगों का कल्याण प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित बनाया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं आवासीय आयुक्त अनिल खाची सहित भारत सरकार में कार्यरत हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।