दंगा पीड़ितों को आतंकी बनाने का प्लान!

Created on Tuesday, 07 January 2014 12:44
Written by Shail Samachar

नई दिल्ली।। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद लश्कर−ए−तैयबा के आतंकियों के वहां जाने और युवाओं से बातचीत करने का मामला गरमाता जा रहा है।

दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने आतंकी संगठन लश्कर−ए−तैयबा से जुड़े दो लोगों को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार किया था, हालांकि दिल्ली पुलिस इसे मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़ा नहीं बता रही है।

इस मामले में दिल्ली पुलिस लश्कर के आतंकी अब्दुल सोहान के अलावा दो और आतंकियों की तलाश कर रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीमें अभी भी मुजफ्फरनगर और मेवात इलाके में छापे मार रही है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में शामली के रहने वाले दो लड़कों लियाकत और जमीर ने दिल्ली पुलिस से संपर्क कर बताया कि लश्कर आतंकी अब्दुल सोहान ने उनसे संपर्क किया था और उन्हें पैसों का लालच देकर लश्कर−ए−तैयबा में शामिल होने को कहा था।

सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कुछ लड़कों ने पाकिस्तान स्थित इस आतंकी संगठन के लिए काम करने से इनकार कर दिया और दिल्ली पुलिस से संपर्क कर उन्हें आतंकियों के इस षड्यंत्र की जानकारी दी। पुलिस ने इन दोनों लड़कों का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज करा दिया है।

हालांकि, यूपी पुलिस के सूत्रों ने कहा है कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि मुजफ्फरनगर में लश्कर के लोगों की मौजूदगी के बारे में भी उनके पास कोई जानकारी नहीं है।

वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि अगर लश्कर−ए−तैयबा के कुछ लोग मुजफ्फरनगर गए थे तो राहुल गांधी ने जो बात कही थी, वह बात सही साबित हुई है।

दरअसल, कुछ महीने पहले कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने खुफिया विभाग के एक अफसर के हवाले से दावा किया था कि आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के संपर्क में है।