शिमला/शैल। न्यू शिमला आवासीय कालोनी को लेकर एक याचिका प्रदेश उच्च न्यायालय में चल रही है याचिकाकर्ता प्रो. अमर सिंह इसी कालोनी के रहने वाले हैं यह कालोनी पूरी तरह स्वतः वितपोषित आधार पर बनी है इसके रखरखाव और अन्य जन सुविधाओं के लिये इसके निवासियों से चार्ज किया जाता है। इस नाते इस कालोनी की एक ईंच जमीन यहां के रहने वालों का मालिकाना हक है। जब इस कालोनी का प्लान तैयार करके प्राचारित किया गया था तो उसमें यहां पर कहां-कहां ग्रीन एरिया,पार्क कमर्शियल एरिया एवम् अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध रहेगी यह पूरी तरह परिभाषित और चिन्हित था। यही सारा कुछ इसका मुख्य आकर्षण भी था और इसी के कारण लोग यहां पर निवेश के लिये आगे आये। लेकिन जैस-जैसे कालोनी का निर्माण आगे-आगे बढ़ता गया उसी के साथ ग्रीन एरिया और पार्क एरिया कम होने लग पड़ा। प्रदेश उच्च न्यायालय में जो याचिका लम्बित है उसमें यही सबसे बड़ा आरोप है कि यहां पर भू-उपयोग मन माने तरीके से बदला गया है जिसके कारण ग्रीन एरिया और पार्क एरिया कम होता चला गया है। यह मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित चल रहा है और सबकी निगाहें इसके फैसले पर लगी हैं। स्मरणीय है कि उच्च न्यायालय सरकार से इस कालोनी का विकास प्लान कई बार तलब कर चुका है जो अभी तक उच्च न्यायालय के सामने नही आ पाया है। इस वस्तुस्थिति में यह सवाल उठना बहुत स्वभाविक है कि जब कालोनी का विकास प्लान ही रिकार्ड पर उपलब्ध नही है तो फिर प्लान के बिना यह निर्माण कार्य हो कैसे गया?
इसी दौरान इस कालोनी के एक निवासी डा. पवन बंटा ने कालोनी के ग्रीन एरिया और पार्क एरिया को हिमुडा से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। 28-7-2018 को यह जानकारी दी गयी है। इस जानकारी में ग्रीन एरिया कामन एरिया और पार्क एरिया की जानकारी दी गयी है। लेकिन इसमें स्थान तो दिखाया गया है परन्तु उसका रकबा कितना है इसको लेकर यह कहा गया है कि यह उपलब्ध नही है। इसी तरह एक जानकारी में यह बताया गया है कि फेज;तीनद्ध के सैक्टर पांच और छः के लिये कुल एरिया 76785.24 वर्ग मीटर अधिगृहित किया गया था। जिसमें से 25974.97 वर्ग मीटर पर हाऊसिंग प्लॉट हैं, सड़क और रास्तों के लिये 18723.55 वर्ग मीटर है, कमर्शियल एरिया 1433.37 वर्ग मीटर है औरओपन/वेस्ट लैण्ड 28841.08 वर्ग मीटर है। इस तरह विभिन्न कार्यों के लिये कुल चिन्हित ज़मीन 74972.97 वर्ग मीटर बनती है जबकि कुल अधिगृहित की गयी ज़मीन 76785.24 वर्ग मीटर है। इस तरह 1812.27 वर्ग मीटर जमीन ऐसी बच जाती है। जो किसी भी कार्य के लिये चिन्हित नही है। जबकि विभिन्न कार्यों के लिये चिन्हित और कुल अधिगृहित एक बराबर होनी चाहिये थी। यह अन्तर क्यों है और इसे किस उपयोग में लाया जायेगा इसको लेकर कुछ स्पष्ट नही किया गया है। लेकिन जब ग्रीन पार्क और कॉमन लैण्ड का रकबा ही हिमुडा के पास उपलब्ध नही है तो यह एक प्रकार से याचिका में लगाये गये आरोप की स्वीकारोक्ति ही हो जाती है।