शिमला/शैल। नगर निगम शिमला में प्लानिग एरिया के अन्दर घरेलू उपयोग, व्यवसायिक उपयोग और निर्माणों के लिये पानी का कनैक्शन प्राप्त करने के लिये कोई भी स्वीकृत नियम नही हैं। यह जानकारी नगर निगम ने डा. बंटा को आरटीआई के तहत उपलब्ध करवाई हैं। नगर निगम शिमला में पिछले दिनां हुआ पेयजल संकट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक चर्चा में रहा हैं। क्योंकि इस संकट पर एक पखवाडे़ तक प्रदेश उच्च न्यायालय ने लगातार मामले की सुनवाई की और कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय करोल ने स्वयं सड़क पर निकलकर इस समस्या की गंभीरता की व्यक्तिगत स्तर पर जानकारी हासिल की। यही नही शिमला में लोगों को किन दरां पर पानी की सप्लाई की जा रही है इसको लेकर भी विवाद चल रहा है। विधानसभा तक को निगम की ओर से यह जानकरी दी गयी है कि पानी का बिल मीटर रिडिंग पर दिया जा रहा है जबकि यह बिल फलैट रेट पर दिये जा रहे हैं।
आम आदमी की यह धारणा है कि निगम घरेलू, व्यवसायिक और भवन निर्माण कार्यो के लिये अलग- अलग दरां पर बिल देता है एक से अधिक कनैक्शन नही दिये जाते है। लेकिन यह सारी धारणा आरटीआई में आयी जानकारी के बाद एकदम धराशायी हो जाती हैं। होटल लैण्डमार्क के संद्धर्भ में मांगी गयी जानकारी में यह सूचना आयी है कि पानी का कनैक्शन देने के लिये प्लानिग एरिया मे नगर निगम शिमला के पास कोई स्वीकृत निमय नही हैं। सबकुछ संबधित अधिकारी की ईच्छा पर ही निर्भर करता है। होटल लैण्डमार्क को पांच कनैक्शन दिये गये है जिसमें कुछ कनैक्शन होटल लैण्डमार्क के नाम पर तथा कुछ टी.आर. शर्मा और विनोद अग्र्रवाल के नाम पर है। एक ही होटल में अगल-अगल नामों पर पाये गये कनैक्शनों से यह प्रमाणित हो जाता है कि वास्तव में ही कोई नियम नही है।