ग्रीन एरिया में छत के नाम पर पांचवी मंजिल का निर्माण

Created on Tuesday, 23 October 2018 07:46
Written by Baldev Sharma

शिमला/शैल। एनजीटी ने शिमला के कोर/ग्रीन एरिया में नये निर्माणों पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। इस प्रतिबन्ध के चलते इन क्षेत्रों में केवल पुराने निर्माणों को ही नये सिरे से बनाया जा सकता है। इसके लिये भी नक्शा एनजीटी के फैसले की अनुपालना में बनाई गयी कमेटीयां ही पास करेंगी। लेकिन क्या प्रशासन एनजीटी के इन आदेशों की अनुपालना करवा पा रहा है यह सवाल शहर के ग्रीन/कोर एरिया में अभी भी चल रहे निर्माणांे के कारण उठा है।
शहर का निगम बिहार एरिया ग्रीन एरिया में आता है और इस नाते यहां पर नये निर्माणों पर पूर्ण प्रतिबन्ध है। पुराने निर्माण भी अढ़ाई मंजिल से ज्यादा के नही बन पायेंगे। यहां पर एक भवन का तीन मंजिलों का निर्माण 1993 में पूरा हो गया था। उसके बाद शायद 1994 में चैथी मंजिल का निर्माण रिटैन्शन के तहत मुआवजा देकर कर लिया गया। लेकिन अब 2018 में एनजीटी के फैसले के बाद पंाचवी मंजिल का निर्माण हो रहा है। जब यह निर्माण नगर निगम के संज्ञान में आया तब इस पर नोटिस जारी हुआ लेकिन नोटिस से काम नही रूका। इस पर जब पुनः निगम प्रशासन के संज्ञान में इसे लाया गया तब यह सामने आया कि भवन मालिक से नक्शा मांगा गया है और मालिक का दावा है कि उसका नक्शा पास है।
इसमें यह सवाल उठ रहा है कि जो भवन 1994 में पूरा हो गया है उसमें अब 2018 में एनजीटी के फैसले के बाद छत डालने के नाम पर पांचवीं मंजिल की अनुमति कैसे दी जा सकती है। क्या निगम ऐसी ही अनुमतियां औरों को भी उपलब्ध करवायेंगे? क्योंकि अब तो सभी जगह अढ़ाई मंजिल तक का ही निर्माण होना है। फिर यह छत के नाम पांचवी मंजिल कैसे?