जयराम योजनाओं और आंकड़ो पर श्वेत पत्र जारी करेंःमुकेश

Created on Tuesday, 23 October 2018 07:58
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि उन्होने केन्द्र से नौ हजार करोड़ की योजनाएं स्वीकृत करवा ली है। इसी दावे के साथ प्रदेश को सैद्धान्तिक तौर पर मिले 70 राष्ट्रीय उच्च मार्गों के लिये भी केन्द्र से प्रदेश को 65000 करोड़ रूपये स्वीकृत होने को एक बड़ी उपलब्धि कहा जा रहा है। मुख्यमन्त्री के इन दावों की ज़मीनी सच्चाई क्या है इसको लेकर नेता प्रतिप़क्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार से इन योजनाओं की तफसील के साथ इस संबन्ध में एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। मुख्यमन्त्री के इन दावांे पर इसलिये
सवाल उठाये जा रहे हैं क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान मण्डी में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमन्त्री मोदी ने भी वीरभद्र सरकार से 72 हजार करोड़ का हिसाब मांगा था। मोदी ने दावा किया था कि उसकी सरकार ने हिमाचल को 72 हजार करोड़ दिये हैं और सरकार बताये उसने यह पैसा कहां खर्च किया है। लेकिन मोदी के इस दावे पर जयराम के बजट भाषण ने प्रश्नचिन्ह लगा दिया जब बजट मे यह कहा गया कि केन्द्र से प्रदेश को करीब 42 हजार करोड़ मिले हैं। आंकड़ो के इस खेल ने विधानसभा चुनाव में जो प्रभाव दिखाना था वह उस समय हो गया और इसके परिणामस्वरूप यहां पर भाजपा की सरकार बन गयी। क्योंकि उस समय इन आंकड़ों को किसी ने चुनौती नही दी थी। परन्तु अब मुकेश ने आंकड़ो की इस बाजीगरी को समझते हुए मुख्यमन्त्री को इस पर श्वेत पत्र जारी करने की चुनौती दे डाली है और जयराम इस चुनौती को स्वीकार नही कर पाये हैं। मुख्यमन्त्री इन आंकड़ो के स्पष्टीकरण में केवल यही कर पाये हंै कि यह योजनाएं सिद्धान्त रूप में स्वीकार हुई हैं और इन्हें अमलीशक्ल लेने में वक्त लगेगा। इसी के साथ मुकेश ने जगत प्रकाश नड्डा को लेकर आये ब्यानांे और समाचारों पर चुटकी लेते हुए जयराम द्वारा की गयी ताजपोशीयों को दवाब का परिणाम कहा है। बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खु ने तो दो कदम और आगे जाकर यहां तक कह दिया कि जयराम तो केवल मुखौटा हैं तथा सरकार तो आरएसएस चला रहा है। मुकेश और सुक्खू के ब्यानों पर पलटवार करते हुए जयराम ने इन्हे यह सुझाव दिया है कि वह अपने घर संभाले क्योंकि वहां पर अभी कई लोगों की नेता प्रतिप़क्ष तथा प्रदेश अध्यक्ष होने पर नज़रें लगी हुई हैं। यह सही है कि कांग्रेस में अध्यक्ष को बदले जाने को लेकर इन दिनों अटकलों का बाज़ार बहुत गर्म चल रहा है। कई नाम चर्चा में चल रहे हैं लेकिन इसी के साथ यह भी हकीकत है कि इन दिनों कांग्रेस एक जुट भी होती जा रही है और इस एकजुटता के परिणामस्वरूप आजकल वीरभद्र-सुक्खू के वाक्युद्ध पर भी पूरी तरह विराम लग गया है। इससे यह स्पष्ट संकेत उभर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी तैयारी और रणनीति के साथ उतरने वाली है।