शिमला/शैल। जयराम सरकार का सत्ता में एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। इस अवसर पर सरकार धर्मशाला में एक बड़ा जश्न आयोजित करने जा रही है। इस मौके पर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। अगले वर्ष मई में लोकसभा के चुनाव होने हैं और इस बार भाजपा ने 300 सीटें जीतने का लक्ष्य बहुत पहले से ही घोषित कर रखा है। लेकिन अब पांच राज्यों मे मिली हार के बाद प्रधानमन्त्री और अमितशाह इस लक्ष्य को कैसे प्रस्तुत करते हैं इस पर सबकी निगाहें रहेंगी। पिछले चुनावों में भाजपा को प्रदेश की चारों सीटों पर जीत हासिल हुई थी और तब प्रदेश में वीरभद्र के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी जबकि अब तो प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है। ऐसे में सरकार को फिर से यह जीत हासिल करने में कोई कठिनाई नही होनी चाहिये। लेकिन जिस ढंग से प्रदेश में सरकार और पार्टी चल रही है उसको लेकर पार्टी के भीतर ही एक बड़ा वर्ग यह मान रहा है कि इस बार यह जीत आसान नही होगी।
सरकार ने इस जश्न के मौके पर सारे विभागों को निर्देश दिये हैं कि वह एक वर्ष की अपनी उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाकर जनता को इसकी जानकारी दें। सभी विभागों से कहा गया है कि इन उपलब्धियों को लेकर अपने विभाग की एक लघुपुस्तिका भी छापें। इस पुस्तिका की संख्या 25 से 30 हजार के बीच रखने का लक्ष्य रखा गया है। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि विभाग अपनी योजनाओं के लाभार्थियों को भी इस जश्न में लायें। सरकार का प्रयास कितना सफल होता है इसका आंकलन तो जश्न के बाद ही हो पायेगा। लेकिन इस जश्न के मौके पर जो पुस्तिकायें प्रसारित की जायेंगी उनमें दर्ज तथ्यों की प्रमाणिकता को परखने का आगे मौका मिल जायेगा। केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से सही में कितनों को लाभ पहुंचा है उसकी शिनाख्त भी आसानी से हो जायेगी। इस नाते यह जश्न सरकार के कामकाज का आडिट भी बन जायेगा। क्योंकि जो भी उपलब्धियां इसमें जनता के सामने रखी जायेंगी उनकी सत्यता की पड़ताल करना आसान हो जायेगा।
जंहा सरकार इस मौके पर अपनी उपलब्धियों का पिटारा जनता के सामने रखने जा रही है वहीं पर कांग्रेस इसी दिन सरकार के खिलाफ आरोपपत्र लेकर आ रही है। इसमें यह देखना दिलचस्प होगा कि उपलब्धियों का पलड़ा भारी रहता है या आरोपपत्र का। अभी शीत सत्र में पहले ही दिन सरकार द्वारा रामदेव के पंतजलि योग पीठ को लीज पर करीब 96 बीघा ज़मीन देना विशेष रूप से उठा। इसमें जब पंतजलि योगपीठ ने 2017 में प्रदेश उच्च न्यायालय से अपनी याचिका बिना शर्त वापिस ली थी तब सरकार ने इस लीज़ पर पुनः विचार करते हुए उपायुक्त सोलन को निर्देश दिये थे कि वह नये सिरे से लीज़ दस्तावेज तैयार करे। इन निर्देशों की अनुपालना करते हुए पट्टा नियम 2013 के नियम 8(1) और (II) के प्रावधानों के अनुसार इसकी गणना करतें हुए वार्षिक पट्टा राशी 1,19,52,360/-रूपये तय की थी और इस राशी पर हर पांच वर्ष बाद 5% की बढौत्तरी करने का प्रारूप सरकार और योगपीठ को भेजा था लेकिन इस प्रारूप के हस्ताक्षरित होने से पहले ही सत्ता परिवर्तन हो गया। सत्ता परिवर्तन के बाद अक्तूबर 2018 मे योगपीठ से सरकार को पत्र लिखकर यह आग्रह किया कि 1,19,52,360 /- रूपये की राशी बहुत अधिक है अतः इसे कम करने पर विचार किया जाये। योगपीठ के इस आग्र्रह पर जयराम सरकार ने इस पर पुनः विचार किया। यह विचार 2016 में संशोधित किये गये पट्टा नियमों के अनुसार किया गया। इन नियमों में स्वास्थ्य अवसंरचना के विकास हेतु लायी गयी योजनाओं को विशेष छूट देने का प्रावधान है। इस प्रावधान का प्रयोग करते हुए लीज़ पर दी जाने वाली 96 बीघे ज़मीन की कुल कीमत 11,95,23,600 /- रूपये आंकी गयी और इस इस कीमत का कुल 20% ही योगापीठ से एकमुश्त लेने का निर्णय लिया गया। इस तरह 2017 में जो लीज़ राशी प्रति वर्ष 1,19,52,360/- ली जानी उपायुक्त सोलन ने आकलित की थी वह अब केवल एक मुश्त 2,39,04,720 रूपये ली जायेगी। यहां पर यह सवाल उठता है कि क्या योगपीठ जैसा व्यापारिक संस्थान इस तरह की छूट का पात्र हो सकता है। यही नहीं अभी सरकार नगर निगम शिमला क्षेत्र में ही संघ परिवार की दो ईकाईयों को करीब 24000 वर्ग मीटर भूमि देने जा रही है। जिलाधीश शिमला ने इसके लिये नगर निगम से अन्नापत्ति प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया है क्या इन इकाईयों को इतनी ज़मीन दी जा सकती है यह एक और सवाल खड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि यह सारे आरोप कांग्रेस के आरोपपत्र में दर्ज रहेंगे। मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर यह दावा करते आ रहे हैं कि उन्हे विभिन्न योजनाओं के लिये केन्द्र से 9000 करोड़ की धनराशी मिलने का आश्वासन मिल चुका है। लेकिन यह योजनाएं कौन सी है इनका विवरण सरकार की ओर से नही दिया गया है। इसी तरह जिन राष्ट्रीय उच्च मार्गों के मिलने का दावा सरकार अब तक करती आ रही है उनकी डिटेल भी अब तक जारी नही हो पायी है। अभी तक सरकार स्कूली बच्चों को बर्दीयां उपलब्ध नही करवा पायी है। क्योंकि सरकार एकमुश्त तीन वर्ष की खरीद इकट्ठी ही कर लेना चाहती है। दूसरी ओर से अभी तक स्कूलों में अध्यापकों और अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को पूरा नही किया जा सका है। मुख्यमन्त्री ने तीन महीने पहले यह दावा किया था कि दस दिनों के भीतर प्रदेश की सड़कों के गड्डे भर दिये जायेंगे लेकिन मुख्यमन्त्री का यह दावा हकीकत में कितना पूरा हो पाया है इसका प्रमाण शिमला, धर्मशाला उच्च मार्ग का शालाघाट से नम्होल तक का हिस्सा ब्यान कर देता है। इस परिदृश्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर उपलब्धियां या आरोप किसका पलड़ा भारी रहता है क्योंकि दोनो एक साथ जनता के सामने आयेंगे।