अब पटवारियों का चयन भी आया सीबीआई के शिकंजे में उच्च न्यायालय ने दिये जांच के निर्देश

Created on Wednesday, 22 January 2020 10:03
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। पेपर सेटिंग में धूर्तता बरतने का अंदेशा जताते हुए प्रदेश हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच के आदेश देेेते हुए  तीन महीने में जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को निर्धारित की है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तिरलोक सिंह चैहान व न्यायमूर्ति चंदर भूषण बारोवालिया ने इन आदेशों की प्रती एसपी सीबीआई को फैक्स व रजिस्ट्री के जरिए भेजने के निर्देश दिए है।
जयराम सरकार में पिछले से 1194 पटवारियों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। इनके पदों के लिए हुई पटवारी की परीक्षा में आवेदकों ने तरह-तरह के इल्जा्म लगाए थे। सरकार ने इन पटवारियों की नियुक्ति कर भी दी है लेकिन नवंबर महीने में एक आवेदक ने हाईकोर्ट में इन भर्तियों के खिलाफ याचिका दायर कर दी।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इल्जाम लगाया था कि पटवारी भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में सौ प्रश्नों में से 43 प्रश्न वही पूछे गए थे जो जेबीटी परीक्षा में भी पूछे गए थे। खंडपीठ ने इस इल्जाम पर जवाब मांगा था लेकिन सरकार ने इस बावत कोई जवाब नहीं दिया। इस पर खंडपीठ ने एक सप्ताह के भीतर पूरक हलफनामा दायर करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों की पालना करते हुए लैंड रिकार्ड निदेशालय ने दायर अपने हलफनामें में स्वीरकार किया कि सौ में से 43 प्रश्न वही थे जो जेबीटी परीक्षा में पूछे गए थे। खंडपीठ ने कहा कि यह महज एक संयोग नहीं हो सकता कि प्रश्न बैंक में लाखों प्रश्न होने के बावजूद पहले वाली पारीक्षा में पूछे गए प्रश्न ही किसी दूसरी परीक्षा में पूछ लिए जाएं।
खंडपीठ ने कहा कि अदालत का मानना है कि पटवारी परीक्षा के लिए सेट किए पेपरों में कुछ चिन्हित अभ्यार्थियों को मदद करने की मंशा से कुछ धूर्तता की गई हो। हालांकि अदालत के पास अभी इस बावत कोई निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री रिकार्ड पर उपलब्ध नहीं है। इसलिए ये जरूरी है कि तमाम तथ्यों की जांच सीबीआई करे।
ऐसे में सीबीआई इस आदेश में जो आब्जर्व किया गया है उससे बिना प्रभावित हुए मामले की निष्पक्ष जांच करे। अदालत ने जांच रिपोर्ट को अगली सुनवाई से पहले अदालत में सौंपने के आदेश भी दिए हैं।