शिमला/शैल। कोरोना की आपदा आने के बाद एक पी एम फण्ड की स्थापना की गयी है। इसमें प्रधानमंत्री, रक्षा मत्री, वित मंत्री आदि कई मंत्री इस केयर फण्ड के सदस्य बनाये गये हैं। इस फण्ड में कई उद्योगपतियों और अन्य लोगों ने सैंकड़ों करोड़ का दान दिया है। लेकिन इस फण्ड पर यह सवाल उठने शुरू हो गये है कि क्या यह एक सरकारी फण्ड है और इसका भी बाकायदा आडिट होगा। इसमें प्रधानमंत्री और जो अन्य मंत्री शामिल हैं क्या वह बतौर मंत्री शमिल हैं या व्यक्तिगत स्तर पर शामिल हैं। यह सवाल इस लये उठ रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री रिलीफ फण्ड के नाम से पहले से ही एक कोष स्थापित है। इसके अतिरिक्त आपदा प्रबन्धन के नाम पर भी एक कोष केन्द्र से लेकर राज्यों तक स्थापित है। इस समय इसी आपदा प्रबन्धन के नाम पर सारे राहत कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। जानकारों का मानना है कि यह एक गैर सरकारी कोष है। इस कोष पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कड़ी प्रतिक्रिया जारी की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में पहले से ही पर्याप्त फंड पड़ा है। इस फण्ड को तो खर्च नही किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के नाम पर इस विपदा के समय एक नए केअर फंड की स्थापना करने की क्या जरूरत आन पड़ गई, केंद्र सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए।
राठौर ने कहा है कि हैरानी की बात है कि प्रधानमंत्री केअर फंड की स्थापना के साथ ही उनके निकट माने जाने वाले बड़े उद्योगपतियों ने इस केयर फंड में बड़े पैमाने में पैसा डाल दिया है। उन्होंने इस केयर फंड की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सन्देह व्यक्त करते हुए कहा है कि इसमें उनके मित्र उद्योपतियों के साथ किसी भी बड़ी सांठगांठ से भी इंकार नही किया जा सकता।
राठौर ने कहा है कि भाजपा देश मे लोगों की सहायता के घड़याली आंसू बहा रही है। भाजपा लोगों की सेवा कम और प्रधानमंत्री के महिमा मंडल व प्रचार में ज्यादा जुटी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और कई स्वयमसेवी सगंठन पूरी ईमानदारी से लोगों की हरसंभव मदद कर रहें है, जबकि भाजपा अभी तक मोदी किट में ही उलझी हुई है।
राठौर ने भाजपा का कटाक्ष करते हुए कहा है कि उसे राजनीति करने के आगे कई अवसर और मौके मिलेंगे। यह समय किसी राजनीति का नही है, यह समय लोगों की समस्याओं को दूर करने का है। देश में कोरोना संक्रमण को लेकर लोग भयभीत हैं, ऐसे में लोगो की मदद सच्चे मन से की जानी चाहिए।