प्रतिभा-विक्रमादित्य सिंह को लेकर आये जयराम के ब्यान ने बदले राजनीतिक समीकरण

Created on Tuesday, 09 April 2024 13:43
Written by Shail Samachar
शिमला/शैल। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम ने मण्डी में एक पत्रकारवार्ता में खुलासा किया है कि प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस के बागीयों को उकसाया और बाद में खुद पलट गये। जयराम के अनुसार इन लोगों ने पहले तो मुख्यमंत्री और सरकार को ब्यान देकर कमजोर किया और फिर पलट गये। जयराम के इस ब्यान को लेकर वाकायदा प्रैस नोट जारी हुआ है। जयराम के इस ब्यान से प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में नई अटकलों का दौर शुरू हो गया है। स्मरणीय है कि कांग्रेस के बागीयों ने अपने रोष को 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करके मूर्त रूप दे दिया और कांग्रेस यह चुनाव हार गयी। इस हार के बाद बागी सदन से निष्कासित भी हो गये और उनके क्षेत्रों में उपचुनाव भी घोषित हो गया। यह लोग भाजपा में शामिल हो गयेे और पार्टी ने इन्हें उपचुनाव के लिये अपना उम्मीदवार भी नामित कर दिया। 27 फरवरी के बाद करीब एक माह तक यह लोग हिमाचल से बाहर रहे। इस बाहर रहने का सारा प्रबन्ध करने का आरोप भाजपा पर लगा है। धन बल से सरकार गिराने का आरोप भाजपा पर लग रहा है। कांग्रेस के दो विधायकों ने इस आश्य की शिकायत भी बालूगंज पुलिस थाना में करवा रखी है। जिसकी जांच चल रही है। प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक अस्थिरता के दौर के लिये भाजपा को कोसा जा रहा है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री से लेकर नीचे तक हर नेता आरोप लगा रहा है कि जयराम धन बल के सहारे मुख्यमंत्री बनने की जल्दबाजी में है। कांग्रेस के इन आरोपों का जयराम यह कहकर जवाब दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री अपने विधायकों को संभाल कर नहीं रख पाये और दूसरों को दोष दे रहे हैं। इसी के साथ जयराम यह दावा करना भी नहीं भूल रहे हैं कि चुनाव के बाद सुक्खू सरकार गिर जायेगी। सरकार अल्पमत में आ गयी है यह कहना भी नहीं भूल रहे हैं। इस परिदृश्य में जयराम का प्रतिभा-विक्रमादित्य को लेकर आया ब्यान राजनीतिक पंडितों के लियेे एक रोचक विषय बन गया है। क्योंकि इस समय सदन में कांग्रेस की संख्या 34 रह गयी है जबकि भाजपा की 25 ही है। यदि निर्दलीयों के क्षेत्र में भी उपचुनाव हो जाये और भाजपा सभी नौ स्थानों पर जीत जाये तो भाजपा की संख्या कांग्रेस के बराबर आती है और तब सदन में सरकार के अल्पमत में आने से गिरने की संभावना बनती है। ऐसे में जयराम का इस तरह का ब्यान इस समय आना अपने में महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रदेश में जो कुछ घटा है वह भाजपा प्रायोजित है इसमें किसी को संदेह नहीं है। यह भी स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार को गिराना भाजपा की आवश्यकता बन गया है। इसके लिये कांग्रेस में और तोड़फोड़ करना पहला कदम होगा। आज केन्द्र विपक्ष की सरकारें गिराने के लिये केन्द्रीय एजैन्सियों के दुरुपयोग के आरोप झेल रहा है। लेकिन जयराम के ब्यान के बाद क्या कांग्रेस और नहीं संभल जायेगी। क्योंकि जयराम का ब्यान उस समय आया है जब विक्रमादित्य सिंह को मण्डी से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने के संकेत आ रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह निश्चित रूप से भाजपा की कंगना रनौत से सौ प्रतिश्त बेहतर प्रत्याशी है। फिर जब प्रतिभा सिंह जयराम की सरकार के समय मण्डी का उपचुनाव जीत गयी थी तो अब कांग्रेस की सरकार में विक्रमादित्य सिंह की जीत की संभावनाएं ज्यादा प्रबल हो जाती हैं। इस क्षेत्र की हार जीत का सीधा प्रभाव जयराम के राजनीतिक भविष्य पर भी पड़ेगा यह स्पष्ट है। इस राजनीतिक परिदृश्य में जयराम के इस ब्यान को शीघ्रता में दिया गया ब्यान माना जा रहा है। क्योंकि इस ब्यान के साथ जयराम का सरकार के गिरने का दावा कमजोर पड़ जाता है। वर्तमान परिदृश्य में इस ब्यान को भ्रामकता पैदा करने का असफल प्रयास माना जा रहा है। क्योंकि प्रतिभा और विक्रमादित्य के सोनिया गांधी को मिलने के बाद यह माना जा रहा है कि प्रदेश पर कांग्रेस हाईकमान नजर रख रही है।