डीसी शिमला, सोलन और सिरमौर को लेकर भाजपा की शिकायत चुनाव आयोग में विचाराधीन

Created on Tuesday, 30 April 2024 14:44
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। चुनाव के दौरान में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें चुनाव आयोग में आना एक स्वभाविक प्रतिक्रिया है। चुनाव के दिनों में सारा प्रशासन कुछ अर्थों में चुनाव आयोग के नियंत्रण में चला जाता है। ताकि चुनाव आयोग प्रशासन की निष्पक्षता सुनिश्चित कर सके। इसीलिए फील्ड में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर यह आदेश किया जाता है कि जिन अधिकारियों की तैनाती एक स्थान पर तीन वर्ष से अधिक की हो गयी है उन्हें वहां से बदल दिया जाये। चुनाव अधिकारी उसी चुनाव क्षेत्र का मतदाता नहीं होना चाहिये यह भी शायद नियम है। यह भी देखा जाता है कि कौन सा अधिकारी अपनी तैनाती के कारण मतदाता को ज्यादा से ज्यादा प्रभावित कर सकता है। इस समय शिमला सोलन और सिरमौर में तैनात जिलाधीश संयोगवश शिमला लोकसभा क्षेत्र के ही मतदाता हैं। शिमला में तैनात एसपी भी इसी क्षेत्र से मतदाता है। यह मतदाता होने का संज्ञान लेकर प्रदेश भाजपा ने चुनाव आयोग से इनकी शिकायत करके उन्हें यहां से तुरन्त बदलने का आग्रह किया। यह शिकायत एक माह पहले की गई थी। लेकिन इस पर अब तक कोई कारवाई नहीं हो पायी है और न ही भाजपा की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। जबकि जब यह शिकायत की गई थी तो इस शिकायत की प्रति प्रैस को भी जारी की गयी थी। इस शिकायत के बारे में जब मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यकाल से जानकारी मांगी गई तो बताया गया कि यह शिकायत चुनाव आयोग को भेजी गयी है और वहां विचाराधीन है। चुनाव अधिसूचना जारी होने तक इस बारे में कोई फैसला हो पायेगा या नहीं इसको लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय कुछ नहीं कह पाया। इसी तरह एक शिकायत चुनाव आयोग को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बद्दी में तैनात मुख्य अभियंता प्रवीण गुप्ता को लेकर पहुंची थी। आरोप लगाया गया है कि यह अधिकारी लम्बे अरसे से इसी क्षेत्र में तैनात है और प्रभावशाली है। इस पर चुनाव आयोग ने प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से रिपोर्ट मांगी थी। इस शिकायत पर निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि प्रवीण गुप्ता चुनाव के किसी भी कार्य में संबद्ध नहीं है इसलिए उनको लेकर कोई कारवाई नहीं की गयी है।