क्या कांग्रेस से निकलते ही बागी अपराधी हो गये हैं

Created on Monday, 03 June 2024 11:37
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। प्रदेश में हुये लोकसभा और छः विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान कुटलैहड से भाजपा प्रत्याशी बने देन्वेद्र भूट्टो और उनके बेटे करण के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हुये हैं। पहला मामला जब देहरा में दर्ज हुआ था तब उस समय देवेन्द्र भूट्टों ने यह जवाब दिया था कि वह प्रदेश उच्च न्यायालय से इस मामले में पहले ही जीत चुके हैं और उसका रिकॉर्ड पुलिस में पेश कर दिया जायेगा। इसके बाद भी इनके खिलाफ तीन और अलग-अलग मामले दर्ज हुये हैं। स्मरणीय है कि इस चुनाव प्रचार में जब मुख्यमंत्री कुटलैहड गये थे तब उन्होंने जनता से कहा था की ‘‘भुट्टों को कुट्टो’’। मुख्यमंत्री के इस ब्यान का भाजपा ने कड़ा संज्ञान लेते हुये इसकी चुनाव आयोग में शिकायत भी की है। इसी के साथ और भी कानूनी कारवाई की गयी है। भुट्टो दिसम्बर 2022 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। अब राज्यसभा चुनाव के दौरान वह कांग्रेस से बगावत करके विधानसभा से निष्कासित होकर भाजपा में शामिल हो गये। करीब पन्द्रह माह तक कांग्रेस के वफादार सिपाही बनकर मुख्यमंत्री का समर्थन करते रहे हैं। भुट्टो ठेकेदार हैं और एक स्टोन क्रेशर भी चला रहे हैं। लोक निर्माण विभाग और अन्य सरकारी विभागों में अरसे से ठेकेदारी करते आ रहे हैं। यह ठेकेदारी विधायक बनने से बहुत पहले से चल रही है। लेकिन विभाग की शिकायतों पर पहली बार उनके खिलाफ इस तरह के मामले दर्ज हुये हैं। यह मामले दर्ज होने पर उभरी प्रतिक्रियाओं में यह कहा जा रहा है कि क्या चुनाव के दौरान ही यह धोखाधड़ी विभाग के संज्ञान में आयी है। जब पन्द्रह महीने तक भट्टो कांग्रेस के विधायक थे तब वह पाक साफ थे और भाजपा में शामिल होते ही अपराधी हो गये हैं। इस चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों ने कांग्रेस के छः बागियों के भाजपा में शामिल होने को बिकाऊ होने की संज्ञा देते हुये पूरा चुनाव इसी मुद्दे पर केंद्रित करने का प्रयास किया है। इसी प्रयास में इन बागियों को भू-माफिया और खनन माफिया तक करार दिया है। धर्मशाला में सुधीर शर्मा को भू -माफिया करार देते हुये मुख्यमंत्री ने यहां तक आरोप लगाया है कि सुधीर शर्मा ने 82 संपत्तियों में अपने ड्राइवर के नाम पर निवेश किया है। मुख्यमंत्री के इन आरोपों का जवाब देते हुये पलटवार करके जो आरोप सुक्खू पर दस्तावेजी प्रमाणों के साथ लगाये हैं वह बहुत गंभीर है। बागियों को बिकाऊ करार देने को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले दायर हैं। आने वाले दिनों में यह मामले किस हद तक कैसे आगे बढ़ते हैं इस पर सब की नज़रें लगी रहेंगी। सुधीर शर्मा ने जो आरोप मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाये हैं उनके दस्तावेजी प्रमाण और पूरा खुलासा जनता में किस तरह सामने आता है यह देखना रोचक होगा। लेकिन यह तय है कि इस चुनाव प्रचार में दोनों पक्ष जिस हद तक जनता के सामने आ गये हैं उससे पीछे हटना किसी के लिये भी संभव नहीं होगा।