नादौन के ई डी प्रकरण में मोड आने की संभावना बढ़ी

Created on Friday, 22 November 2024 04:03
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। ईडी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा क्षेत्र से खनन व्यवसाय से जुड़े दो कारोबारियों ज्ञानचन्द और संजय धीमान को गिरफ्तार कर लिया है। पांच माह पहले ई डी और आयकर विभाग ने हमीरपुर और नादौन में छापेमारी की थी। दो माह में तीन बार ई डी ने यहां दस्तक दी थी। नादौन में चार लोगों ज्ञानचन्द, प्रभात चन्द, संजय धीमान और संजय शर्मा के यहां छापेमारी हुई थी। इस छापेमारी में ई डी को क्या कुछ मिला था इसकी कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं हुई थी। लेकिन इस छापेमारी और फिर इस गिरफ्तारी के बीच 14-9-24 को एक बसन्त सिंह ठाकुर को ई डी ने बतौर गवाह दिल्ली तलब कर लिया था। बसन्त सिंह ठाकुर ने सुक्खू के 2017 के चुनाव शपथ पत्र को चुनौती दी थी। बसन्त सिंह ने आरोप लगाया था कि इस शपथ पत्र में संपत्ति को लेकर कुछ जानकारीयों को छुपा लिया गया है। उच्च न्यायालय ने इस आरोप को गंभीरता से लिया और कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने इसकी जांच के आदेश देते हुये संबद्ध अधिकारियों को इसमें त्वरित कारवाई करने के निर्देश दिये। इन निर्देशों के बाद यह मामला जांच के लिये हमीरपुर पुलिस के पास पहुंच गया और नादौन की अदालत में केस चला। नादौन की अदालत में सुक्खू को इस आधार पर राहत दे दी कि इसमें किसी को भी न व्यक्तिगत लाभ हुआ है और न ही हानि। बसन्त सिंह इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में आ गये। उच्च न्यायालय की जस्टिस कैंथला की एकल पीठ ने जून में इस पर फैसला देते हुये नादौन की अदालत के फैसले को यथास्थिति बनाये रखते हुये यह भी कह दिया कि इस फैसले से केस की मेरिट प्रभावित नहीं होगी।

इस बसन्त सिंह-सुक्खू मामले की फाइल ज्ञानचन्द के यहां छापेमारी के दौरान ई डी के हाथ लग गयी। जबकि ज्ञानचन्द का इस मामले के साथ कोई संबंध ही नहीं है। ई डी ने इस केस की फाइल को देखने के बाद इसके सत्यापन के लिये बसन्त सिंह को दिल्ली तलब कर लिया। इस फाइल में संपत्ति से जुड़े कई दस्तावेज होने कहे जा रहे हैं। बसन्त सिंह 14-9-24 को ई डी में पेश हो आये हैं। शायद ई डी बसन्त सिंह को गवाही के लिए फिर तलब करें। बसन्त सिंह ने सुक्खू के चुनाव शपथ पत्र में जमीन संबंधी कुछ जानकारियां छुपाने का आरोप लगा रखा है। हमीरपुर के ए एस पी ने अपनी जांच रिपोर्ट में बसन्त सिंह के आरोप को प्रमाणित कर दिया है। जिस स्टोन क्रशर की ई डी ने अधवाणी में जांच और छापेमारी की है वह पहले बसन्त सिंह के गांव जरोट में ही स्थापित था। बसन्त सिंह की शिकायत पर ही जरोट से इस क्रशर को शिफ्ट करने के अदालत ने आदेश दिये थे और तब जरोट से यह अधवाणी शिफ्ट हुआ था। माना जा रहा है कि जो केस फाइल ई डी के हाथ लगी है उसमें शायद स्टोन क्रशर से जुड़ी जानकारियां भी हैं। यह केस फाइल ई डी के हाथ लगने से इस मामले में कई मोड़ आने की संभावनाएं बन गयी हैं क्योंकि यह स्टोन क्रशर भी उस जमीन पर स्थित था जो शायद सरकार के नाम सिलिंग के समय जा चुकी है और इस पर बर्तनदारों के हक सुरक्षित थे क्योंकि यहीं पर कुछ गांवों का शमशान भी है।

यह है बसन्त सिंह के नाम ई डी के सम्मन