क्या मुर्गा और समोसा मुख्य मुद्दों से ध्यान हटा पायेंगे?

Created on Monday, 16 December 2024 11:10
Written by Shail Samachar
शिमला/शैल। क्या मुर्गे और समोसे प्रकरणों को चर्चा का केन्द्र बनाकर प्रदेश के मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सकता है? क्या प्रशासन सरकार को सही राय नही दे रहा है? या मुख्यमंत्री किसी की सुनते ही नहीं हैं? यह सारे सवाल 11 दिसम्बर को बिलासपुर में सरकार की दूसरी वर्षगांठ मनाने के बाद घटे मुर्गा प्रकरण के बाद उभरे हैं। जब बिलासपुर में समारोह चल रहा था तो उसी समय विपक्ष शिमला में राज्यपाल को सरकार के दो वर्षों का काला चिठ्ठा सौंप रहा था। इस काले चिट्ठे में दर्ज आरोपों के परिणाम गंभीर होंगे। इन आरोपों को हल्के में लेकर नजरअन्दाज कर देना आसान नहीं होगा। यह आरोप आने वाले समय में हर व्यक्ति की जुबान पर होंगे। हर घर में चर्चा का विषय बनेंगे। फिर बिलासपुर के समारोह में संगठन और सरकार के रिश्ते भी खुलकर सामने आ गये हैं। बिलासपुर के समारोह में समोसा प्रकरण को लेकर जिस भाषा और तर्ज में प्रशासन को चेताया गया है उसके भी राजनीतिक मायने कुछ अलग हो जाते हैं। नादौन हमीरपुर में पांच माह पहले हुई आयकर और ई डी की छापेमारी के बाद इस संबंध में ई डी में मामला दर्ज होने के बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारियां तक हो चुकी हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान कांगड़ा केन्द्रीय सरकारी बैंक को लेकर एक ऑडियो वायरल हुआ था। अब इस ऑडियो के आधार पर सीबीआई में मामला दर्ज होने के कगार पर पहुंच गया है। कुछ आलोचकों पर दबाव बनाने के लिये एक समय दायर किया गया मानहानि का मामला शायद अब लोकसभा अदालत में पहुंच गया है। इसके परिणाम भी आने वाले समय में सुखद रहने की संभावना नहीं है। इस तरह के परिदृश्य के आईने में बिलासपुर समारोह के बाद घटा मुर्गा प्रकरण अपने में ही कुछ अलग अर्थ और अहमियत ले लेता है। क्योंकि यह प्रकरण 13 दिसम्बर को घटता है। इसमें वाकायदा मैन्यू जारी हुआ जिसमें आईटम नम्बर 12 पर जंगली मुर्गा दर्ज है। इसमें यह सवाल उठता है कि क्या सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के आयोजकों को यह जानकारी नहीं थी कि जंगली मुर्गा संरक्षित वन्य प्राणियों में आता है और इसको मारना अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिये यह नहीं माना जा सकता है कि जंगली मुर्गा बिना विचार के ही मैन्यू का हिस्सा बना दिया गया। विश्लेष्कों की नजर में या तो यह प्रकरण राजनीतिक घटनाक्रम से ध्यान हटाने की नीयत से किया गया था आयोजकों ने अनचाहे ही असहज स्थिति में ला खड़ा करने की कवायत कर डाली। कुछ भी हो यह प्रकरण मुख्यमंत्री को भविष्य में सजग रहने की चेतावनी है क्योंकि इस तरह के मुद्दे सामने आना यह दर्शाता है कि सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।