क्या प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस मिलकर चल रहे हैं?

Created on Monday, 07 April 2025 12:19
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। क्या प्रदेश भाजपा भी गुटबाजी का शिकार है? क्या भाजपा के सभी गुट अपने-अपने तरीके से सुक्खू सरकार के साथ है? यह सवाल इसलिये उठ रहे हैं कि भाजपा अभी तक अपने अध्यक्ष का चयन नहीं कर पायी है। भले ही भाजपा "Party with differences" की ओर इस संद्धर्भ में प्रश्नित निगाहों से देख रहे हैं। वैसे तो भाजपा का यह चरित्र उसी दिन से सवालों में आ गया जब यह भ्रष्टाचारियों की शरणस्थली बन गयी थी। हिमाचल भी इसमें अछूता नहीं रहा है। आज भाजपाई बने कांग्रेसी अलग ही नजर आ रहे हैं और शायद यह अलग दिखना ही भीतर की पूरी तस्वीर बयां कर देता है। लेकिन इस समय भाजपा के भीतर क्या पक रहा है उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि प्रदेश स्तरीय मुद्दों पर भाजपा का आचरण क्या रहा है। हिमाचल इस समय वितीय संकट से गुजर रहा है। सुक्खू सरकार इस संकट के लिये पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन को दोष देती आ रही है। अभी सरकार को नये वित्तीय वर्ष के पहले ही दिन कर्ज लेना पड़ा है। इसी संकटपूर्ण स्थिति में अभी बजट सत्र के अंत में विधायकों मंत्रियों और अध्यक्ष उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते बढ़ाये हैं। लेकिन यह बढ़ौतरी और प्रचारित संकट अपने में विरोधाभासी है। परन्तु इस पर भाजपा की ओर से कोई प्रश्न नहीं उठाया गया। इस बढ़ौतरी के लिये बढ़ती महंगाई को कारण बनाया गया है। परन्तु यह बढ़ती महंगाई आम आदमी को भी बराबर परेशान करती आ रही है। और उसकी ओर किसी ने कुछ नहीं कहा। फिर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नये आई.ए.एस. अधिकारी लेने से इन्कार कर दिया है। परन्तु जब सरकार सेवानिवृत्ति अफसरों को पुनः नौकरी पर रख रही है तो सरकार का कदम अपने में ही सवालिया निशान बन जाता है। परन्तु भाजपा इस बढ़ौतरी पर एक शब्द नहीं बोली है।
यही नहीं जब प्रदेश के मुख्य सचिव को सेवा विस्तार मिला तब यह सवाल उठा कि केन्द्र ने अपने ही दिशा निर्देशों को नजर अंदाज करके सुक्खू सरकार के सेवा विस्तार के आग्रह को कैसे स्वीकार लिया है। बड़ी हैरानी तो इस बात की है कि प्रदेश भाजपा ने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला। केन्द्र में तो भाजपा की सरकार है प्रदेश से कांग्रेस का तो एक सांसद तक दिल्ली में नहीं है। ऐसे में बिना प्रदेश भाजपा के सहयोग से यह सेवा विस्तार कैसे संभव हो सकता है? मुख्यमंत्री सुक्खू ने जब यह कहा है कि भाजपा नादौन में ई.डी. की छापेमारी करवा सकती है तो प्रदेश में सी.बी.आई. को भी बुला सकती है। इससे क्या यह इंगित नहीं होता है कि पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के मामले में कोई विशेष योजना तैयार की जा रही है। क्योंकि एक ओर संसद में जिस तरह से भाजपा सांसद पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहले राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को घेरा है वह अपने में एक बड़ा संकेत हो जाता है। क्योंकि इस पर जो विरोध प्रदर्शन कांग्रेस ने प्रदेश में किया वह अपने में कोई बड़ा प्रदर्शन न होकर केवल सांकेतिक होकर रह गया है।