गर्ल चाइल्ड की बेहतरी, श्रम सुधारों में परिवर्तन, बद्दी तक मेट्रो कनेक्टिविटी है सीआईआई का 2016-17 का एजेेंडा-संजय खुराना
शिमला। कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वर्ष 2016-17 के लिए सीआईआई के एजेंडे का अनावरण किया। सीआईआई हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल के चेयरमैन संजय खुराना ने वर्ष 2016-17 के लिए सीआईआई की थीम बिल्डिंग कंपटीटिव हिमाचल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सीआईआई हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का धन्यवाद देता है कि उन्होंने सीआईआई द्वारा मुख्यमंत्री स्टार्टअप स्कीम के सुझाव को हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए हिमाचल प्रदेश के बजट में घोषित किया। उन्होंने कहा कि सीआईआई हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ काफी नजदीकी से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईआई हिमाचल प्रदेश में इंक्यूबेशन सेंटर की शुरुआत के लिए भी अनुशंसा करेगा।
उन्होघ्ने कहा कि सीआईआी हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ काफी लंबे अरसे से कार्य कर रहा है और इस सीआईआई सरकार से श्रम सुधारों, इंडस्ट्री के लिए एग्जिट पालिसी, रिटेंशन पालिसी के साथ ही हिमाचल प्रदेश के लिए आईटी पालिसी और सोलर पालिसी के लिए अनुसंशा करेगी।
खुराना ने कहा कि इस वर्ष सीआईआई कई जिला प्रशासन, स्थानीय एनजीओ और अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों के साथ कार्य करेगा जिससे कि आर्थिक रूप से पिछड़े और बैकवर्ड क्लास को सीएसआर गतिविधियों के तहत लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि सीआईआई का विशेष जोर राज्य की गर्ल चाइल्ड को बढ़ावा देना और उनकी स्थिति को सुधारना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सोलन और सिरमौर में पायलट प्रोजेक्ट लांच किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सीआईआई राज्य सरकार को बद्दी इंडस्ट्रियल एरिया के लिए मेट्रो कनेक्टिविटी का सुझाव भी दिया है।
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा सीआईआई को धर्मशाला स्मार्ट सिटी परियोजना पर सक्रिय रूप से काम करने का लक्ष्य दिया गया है। जिसके लिए सीआईआई अपने सभी संसाधनों और विशेषज्ञता के साथ जुटा है।
सीआईआई हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुलेरिया ने कहा कि हमने यह सिफारिश भी की है किराज्य के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में मेट्रो कनेक्टिविटी इंट्रोड्यूस की जानी चाहिए। हमको उम्मीद है कि जल्द ही हमारे सुझावों पर प्रयास सफल होंगे। उन्होंने कहा कि जनसांख्यिकीय और अन्य प्राकृतिक निधि का उपयोग करने केलिए सभी को समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित रहना चाहिए।