शिमला/शैल। शिमला की विनित गैस कंपनी के मालिक संचालकों द्वारा नाहन में सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस के नाम से चलाये जा रहे उद्योग के खिलाफ पंजाब के फतेहगढ़ साहिब की एक अदालत ने 15,08,135 रूपये की बसूली के लिये डिक्री का आदेश पारित किया है। इस उद्योग के खिलाफ पंजाब के बस्सी पठाना के रैना ट्रेडर्ज ने 15.6.2009 को यह मामला अदालत में दायर किया था। सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस ने रैना ट्रेडर्ज के नाम 16.4.2009 को 2,25,000 और 29.4.2009 को 6,00,000 के चैक जारी किये थे। लेकिन 4.5.2009 को यह चैक खाते में पैसा न होने के कारण बिना भुगतान के वापिस हो गये। चैक वापिस होने पर सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस को लीगल नोटिस भेजा गया। 15.5.2009 को भेजा यह नोटिस Unclaimed वापिस आ गया और परिणाम स्वरूप 15.6.2009 को इस उद्योग के खिलाफ यह मामला दायर हो गया। अब इसमें 21.5.15 को डिक्री हो गयी है और इस डिक्री पर अमल की कारवाई चल रही है।
स्मरणीय है कि सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस के मालिक विनित कुमार थे और शिमला में चल रही विनित गैस कंपनी के मालिक भी वही थे। विनित की मौत के बाद सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस को बन्द कर दिया गया है। जबकि विनित गैस को उनके उतराधिकारी उनकी माता हेमलता पत्नी फागनी बेटा दिग्गविजय और बेटी प्रेहा चला रहे है। लेकिन सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस की देनदारियों का भुगतान यह लोग नही कर पाये हैं। इन देनदारियों के कारण ही अदालत से यह डिक्री हुई है। इस तरह की कई और देनदारियों की भी चर्चा सामने आ रही है।
सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस नाहन और विनित गैस कंपनी शिमला एक ही व्यक्ति के दो उद्योग थे। सिरमौर मिल्क प्रौडक्टस को बन्द करके विनित के वारिस अब तक विनित गैस कंपनी चला रहे हैं। ऐसे मे जब वारिस एक उद्योग को अब तक चला रहे हैं तो क्या बन्द किये गये उद्योग की देनदारियों को अदा करने की जिम्मेदारी उन पर ही आयेगी । इस परिदृश्य में माना जा रहा है कि इस डिक्री मामले में विनित गैस कंपनी के लिये भी आने वाले दिनों में संकट खडा हो सकता है।