ब्रिगेड के पूर्व अध्यक्ष ने दागा सुक्खु के खिलाफ मानहानि मामला

Created on Monday, 24 October 2016 13:51
Written by Shail Samachar

                   वीरभद्र ब्रिगेड बना अब हिमाचल वीर कल्याण समिति

शिमला/शैल। प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं चला रहा है इसका प्रमाण जय हिमाचल वीर कल्याण समिति के गठन के रूप में सामने आया है। क्योंकि इससे पूर्व जब प्रदेश कांग्रेस सेवादल के पूर्व चीफ बलदेव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में कांग्रेस के कुछ सक्रिय कार्यर्ताओं ने वीरभद्र ब्रिगेड का गठन किया था। तब इस गठन को कांग्रेस के भीतर पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया गया था। इसके लिये कुछ लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित तक कर दिया गया था। पार्टी के भीतर इस ब्रिगेड के गठन को वीरभद्र द्वारा अपरोक्ष में समानान्तर संगठन खड़ा करने का प्रयास माना गया था। लेकिन बड़े पैमाने पर प्रतिक्रियाएं समाने से पहले ही ब्रिगेड को भंग कर दिया गया था। ब्रिगेड भंग होने के बाद इससे जुड़े जिन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कारवाई की गयी थी उसे वापिस ले लिया गया था। लेकिन किन्ही कारणों से इसके अध्यक्ष बलदेव सिंह ठाकुर के खिलाफ कारवाई वापिस नही ली गयी। बलेदव ठाकुर ने इस एकतरफा कारवाई के खिलाफ आवाज उठाई और प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी के दरबार तक मैं फरियाद रखी। सूत्रों के मुताबिक अंबिका सेनी ने इस एकतरफा कारवाई को अनुचित ठहराते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुक्खु को अपने फैंसले पर पुनर्विचार करने को कहा जो कि नही हुआ।
अब सुक्खु की एकतरफा तानाशाही कारवाई से आहत होकर ब्रिगेड से जुडे़ लोगो ने विधिवत एक एनजीओ जय हिमाचल वीर कल्याण समिति का गठन घोषित कर दिया है। इस एनजीओ का पंजीकरण 17.8.16 को करवाया गया हैं एनजीओ के गठन से हटकर ब्रिगेड के अध्यक्ष रहे बलदेव ठाकर ने अपने निष्कासन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खु के खिलाफ सीजेएम कोर्ट कुल्लु में एक मानहानि का मामला भी दायर कर दिया है। मानहानि का मामला दायर करते हुए स्पष्ट लिखा है। ज्ीम च्संपदजपि ंसवदह ूपजी वजीमते तिंउमक ं छळव् दंउमक टपतइींकतं ैपदही ठतपहंकमए भ्पउंबींस च्तंकमे वित ेचतमंकपदह जीम चवसपबपमे वि जीम च्तमेमदज ळवअमतदउमदज वि बवदहतमे च्ंतजल ंदक टपतइींकतं ैपदही ूव पे ं सपअपदह समहमदक ंदक ीं इममद जीम ब्ीपमि डपदपेजमत वि भ्ण्च्ण् वित ं तमबवतक दनउइमत वि 6 जपउमेण्
इस कथन से स्पष्ट हो जाता है कि ब्रिगेड के गठन में वीरभद्र का पूरा आर्शीवाद ओर सहयोग इसके लोगों को प्राप्त था। ब्रिगेड का उस समय एनजीओ के तौर पर पंजीकरण नही था। अब इसके नाम मे हल्का सा परिवर्तन करते हुए इसका विधिवत पंजीकरण करना लिया गया है। यह एनजीओ घोषित रूप से पूरी तरह गैर राजनीतिक है। इस नाते इसमें हर राजनीतिक संगठन और विचार धारा से जुड़े लोग शामिल हो सकते है और मूल संगठन इन लोगों के खिलाफ पहले की तरह से कोइ अनुशासनात्मक कारवाई भी नहीं कर पायेगा। एक तरह से यह एनजीओ हर विरोध और विद्रोह को मुखरता प्रदान करने का मंच बन जायेगा। इस समय इसका गठन पूरी तरह राजनीतिक शैली में ही किया गया है यह दावा भी किया गया है कि इसमें आने वाले दिनो मे सक्रिय राजनीति से जुड़े लोग शामिल होंगे। इस एनजीओ से जुड़े लोग अलग से किसी भी राजनीतिक दल के तहत चुनाव लड़ने के लिये स्वतन्त्रा रहेंगे। ऐसे मे इस एनजीओ को यदि वीरभद्र की ओर से एक अलग राजनीतिक मंच प्रारूप में देखा जाये तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
इस समय वीरभद्र जिस तरह के दौर से गुजर रहे हैं उसमे उनकी पहली आवयश्यकता कांग्रेस संगठन पर कब्जा करना हो जाती है। इसके लिए हर संभव प्रयास करके सुक्खु को कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाना हो जाता है। इस नवगठित एनजीओ के अध्यक्ष और उनके साथियों ने भी इसी आश्य से सुक्खु को अब तक का सबसे कमजोर प्रदेश अध्यक्ष करार दिया है। इसका सीधा सा अर्थ है कि इस एनजीओ के माध्यम से वीरभद्र ने सुक्खु के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। सुक्खु के खिलाफ जब भाजपा नेताओं ने बेनामी संपत्ति के आरोप लगाये थे तो कांग्रेस में विद्यास्टोक्स और जी एस बाली जैसे वरिष्ठ मन्त्रा उसके बचाव में आ गय थे। अब जब सुक्खु के खिलाफ अपरोक्ष में वीरभद्र ने मोर्चा खोल दिया है तो कौन नेता उसके बचाव में आता है यह देखने वाला होगा।
इस एनजीओ के मुख्य सलाहकार पूर्व विधायक कश्मीर सिंह ठाकुर बनाये गये है और मुख्य कानूनी सलाहकार बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष नरेश सूद है। उपाध्यक्ष देवी सिंह पाल और मनभरी देवी बने है। महामन्त्रा दीपक शर्मा, विजय डोगरा और अनुराग शर्मा, सहसचिव करतार सिंह चौधरी, खुशीराम भूरिया और विजय ठाकुर है। आत्मा राम ठाकुर को हमीरपुर और चन्द्र बल्भ नेगी को कुल्लु का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। संगठन का विस्तार शीघ्र किये जाने का दावा किया गया है।