क्या वीसी के खिलाफ विजिलैन्स जांच होगी?

Created on Tuesday, 11 April 2017 05:37
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल। प्रदेश विश्वविद्यालय के वी सी डा. ए.डी.एन.वाजपेयी के खिलाफ पिछले दिनों सोशल मिडिया के माध्यम से चर्चा में आयी एक महिला की शिकायत का मामला पीएमओ तक पहुंच चुका है। पीएमओ से यह शिकायत प्रदेश सरकार के पास आ चुकी है और इस पर रिपोर्ट तलब की गयी है। सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के गृह विभाग के पास पहंुची इस शिकायत को शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। मुख्यमन्त्री के पास ही शिक्षा विभाग भी है और इस नाते अब यह मामला मुख्यमंत्री के पास पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक इस शिकायत पर गृह विभाग ने विजिलैन्स जांच करवाये जाने की अनुशंसा की है। हालांकि गृहमन्त्री भी मुख्यमन्त्री ही हैं। परन्तु मामला शिक्षा विभाग का होने के नाते इसे शिक्षा विभाग को सौंपा गया था।
जब यह मामला चर्चा में आया था तब यह राज्यपाल के दरबार में भी पहुंचा था। परन्तु चर्चा है कि तब एक पत्रकार के बीच बचाव करने के कारण राजभवन ने इस पर कोई कारवाई नहीं की थी और इसी कारण राज्य सरकार ने भी इस पर चुप्पी साध ली थी। परन्तु अब यह मामला संघ से ही जुड़े एक संगठन ने प्रधानमन्त्री कार्यालय तक पहुंचा दिया है और उसके बाद प्रधानमन्त्री कार्यालय ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है। चर्चा है कि जब से प्रधानमन्त्री कार्यालय ने इस संबध में रिपोर्ट तलब की है तभी से इस शिकायत में नामज़द हुए विश्वविद्यालय के अध्यापकों से संपर्क साधकर उनसे यह ब्यान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह शिकायत बेबुनियाद है। यह अध्यापक जिन्हें इस शिकायत में गवाह बताया गया है वह अब इस पर क्या रूख अपनाते  है इसका खुलासा आने वाले दिनों में ही होगा।
लेकिन शिकायत की गंभीरता को देखते हुए इस प्रसंग पर राजभवन, राज्य सरकार और महिला आयोग तक का चुप रहना कई सवाल खड़े करता है क्योंकि पीड़ित महिला ने यह शिकायत महिला आयोग को भेजी थी। प्रिन्ट मीडिया में भी इसकी चर्चा हुई थी। कायदे से महिला आयोग को तो इसका स्वतः संज्ञान लेना चाहिए था। यदि यह शिकायत निराधार थी इसके बारे में विश्वविद्यालय, राजभवन, राज्य सरकार और महिला आयोग में से किसी एक मंच की ओर से इसका अधिकारिक खण्डन आना चाहिए था जो कि आज तक नहीं आया है और यही इस शिकायत की गंभीरता का सबसे बड़ा प्रमाण है।