जीपीएफ के 800 करोड़ पर नहीं मिल रहा इन्कम टैक्स

Created on Tuesday, 11 April 2017 05:47
Written by Shail Samachar

शिमला/शैल।
वीरभद्र सरकार के वित्त विभाग ने कठिन वित्तिय स्थिति से उभरने के लिये सेवा निवृत कर्मचारियों को जीपीएफ का भुगतान करने की बजाये इस धन को अपने पास बैंक के रूप में जमा रखने की येाजना शुरू की हुई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब तक सेवानिवृत कर्मचारियों का करीब 800 करोड़ से भी अधिक का जीपीएफ सरकार के पास जमा हो चुका है। कर्मचारी अपना जीपीएफ सरकार के पास इसलिए जमा रख रहे हैं कि उनको इस पर बैंक की दर पर ही सरकार ब्याज अदा कर रही है। इसके साथ इन कर्मचारियों को यह भी आश्वस्त किया गया है कि इस धन पर उन्हें कोई आयकर की अदायगी नहीं करनी पडेगी। वैसे जब कोई कर्मचारी सेवानिवृत होता है और उसे उसका जीपीएफ आदि का इकट्ठा भुगतान होता है तब वह इस पैसे को या तो किसी काम मे निवेश कर देता है या फिर बैंक में जमा रखता है। बैंक में जमा रखे पैसे पर जो ब्याज अर्जित होता है उस पर आयकर लागू होता है।
लेकिन सरकार इस पर कोई आयकर अदा नहीं कर रही है। सरकार का तर्क है कि यह कर्मचारियों का जीपीएफ है और इस पर कोई आयकर नही लगता। जबकि कर्मचारी जब तक सरकारी सेवा में रहता है तभी तक उसका जीपीएफ कटता है। सेवानिवृत कर्मचारी का सेवानिवृति के बाद कोई जीपीएफ कटने का प्रश्न ही नहीं उठता है। सेवानिवृति के बाद सरकार इस पैसे पर कर्मचारी को वैसे ही ब्याज दे रही है जैसा कि उसे इस पैसे को किसी बैंक में रखने पर मिलता है। बैंक में रखे पैसे पर मिलने वाला ब्याज आयकर के दायरे में आता है। केन्द्र सरकार आयकर देने वालों का दायरा बढ़ाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार आज इस पैसे को अपने पास रखकर कर्मचारियों को इस प्रलोभन में रख रही है कि उन्हे इस पर इन्कम टैक्स से छूट मिल जायेगी।
इस सवाल पर सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग और वित विभाग के बीच पत्राचार भी हुआ है। आयकर विभाग ने इसे स्पष्ट रूप से आयकर एक्ट की अवहेलना माना है। माना जा रहा है कि अब तक करीब साठ करोड़ का आयकर विभाग को नहीं मिल पाया है। यह भी संभावना बनी हुई है कि अन्ततः इस पैसे पर कर्मचारियों को आयकर चुकता करना ही पडेगा क्योंकि इस पर आयकर विभाग की नजर बराबर बनी हुई है।