23 प्रजातियों के वृक्षों के काटने /गिराने पर लगा प्रतिबन्ध हटा
24 प्रजातियों की वन उपज के ट्रांजिट परमिट पर मिली छूट
शिमला/शैल। हिमाचल सरकार ने प्रदेश के किसानों/ भू-मालिकों को एक बडी राहत देते हुए निजि भूमि से 23 प्रजातियों के वृक्षों को काटने/गिराने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया है। इसी के साथ 24 प्रजातियों के वृक्षों की वन उपज पर ट्रांजिट पास पर लगी छूट को भी तुरन्त प्रभाव से हटा लिया है। यह आदेश भू परिक्षण अधिनियम 1978 के तहत जारी किये गये हैं। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों भू-मालिकों को एक बड़ी राहत मिली है। भू-मालिकों की निजि भूमि पर इन प्रजातियों के वृक्ष होते हैं लेकिन इनके काटने पर प्रतिबन्ध होने के कारण मालिकों को इनका लाभ
नही मिल पा रहा था। यह वृक्ष भवन निमार्ण कार्यों में प्रयुक्त होते हैं। इस नाते इनकी बाजार में भी मांग रहती है। इनमें से अधिकांश की वन उपज भू-मालिकों के लिये कैश क्राप की तरह लाभदायक सिद्ध हो सकती है। लेकिन इस उपज को बाजार में ले जाने के लिये ट्रांजिट परमिट नहीं मिल पाता था जिसके कारण भू-मालिक इस लाभ से वांच्छित रह जाते थे।
इस समय प्रदेश में अवैध काटन और वनभूमि पर अतिक्रमण की दो बड़ी समस्याएं चल रही है। सरकार ने छोटे भू-मालिकों को अतिक्रमण के मामलों में एक सीमा तक राहत देने की योजना बनाई है। इसके लिये प्रदेश उच्च न्यायालय से भी आग्रह कर रखा है। अतिक्रमणों को नियमित करने के लिये वर्ष 2002 में एक पाॅलिसी बनाई गयी थी जिस पर आज तक अमल नही हो पाया है। लेकिन भू-मालिक इससे भी ज्यादा इस बात से परेशान थे कि उनको अपनी ही जमीन से पेड़ काटने की अनुमति नही थी। अपनी वन उपज को बाजार तक नही ले जा पा रहे थे। अपनी ही जमीन से पेड़ काटने पर अवैध कटान के आरोपी हो जाते थे। अब यह प्रतिबन्ध हटने से भू-मालिकों को एक बहुत ही बड़ी राहत मिली है। इस वर्ष प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने है इस नाते सरकार के इस फैसले से चुनावी परिदृश्य पर भी असर पड़ने की पूरी संभावना है।
यह है प्रजातियां जिन पर से प्रतिबन्ध हटाया गया है
काला सिरिस/ओई/सिरिस, कचनार/ करयाल, सफेदा, किमू/ चिमू/शहतूत/तूत/ मलबैरी, पाॅपलर, भारतीय विलो/बीयूंश,बैम्बू, क्लमस/लाठी बांस/मग्गर/धरेंच/ बांस, जापानी शहतूत/पेपर मलबैरी, पेइक/कोई/कोश/ कुनिश/न्यून, खिड़क/खड़की, दरेक बकिन, फगूडा/फेगुडा/त्यामल/ तिमला/ तिरमल/अंजीरी/कलस्टर फिग/ गुलर, तून, जामुन, टीक/ सगुन/सागवान, अर्जुन, सेमल/ शलमाटास, बिहूल/बेयूल/भिमल/ भियूनल/धमन, पाजा/ पदम, कामला/रैनी/रोहण/रोहिन /सिन्दूरी, आम (वन्य प्रजाति) रिष्टक/रीठा/डोडे, बान,(अधिकतम पांच वृक्ष घरेलु उपयोग हेतु) को काटने पर से प्रतिबन्ध हटा दिया गया है। तथा 24 प्रजातियों की वन उपज के अभिवहन पास ट्रांजिट परमिट पर छुट दी गई है जिनमें काला सिरिस/ओई/सिरिस, कचनार/ करयाल, सफेदा, किमू/चिमू/ शहतूत/ तूत/मलबैरी, पाॅपलर, भारतीय विलो/ बीयूंश, बैम्बू, क्लमस/लाठी बांस/मग्गर/ धरेंच/बांस, कुठ (सासोरिया कोस्टस/लापा) का निर्यात तथापि वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अपेक्षा पूर्ण करने के अध्यधीन होगा, काला जीरा, जापानी शहतूत/पेपर मलबैरी, पेइक/कोई /कोश / कुनिश/नयून, खिडक/ खडकी, दरेक/ बकिन, फगूडा/ फेगुडा/त्यामल/तिमला/तिरमल/ अंजीरी/कलस्टर फिग/गुलर, तून, जामुन, टीक/सगुन/सागवान, अर्जुन, सेमल/शलमाटास, बिहूल/ बेयूल/ भिमल/ भियूनल/ धमन, पाजा/पदम, कामला/रैनी/रोहण/ रोहिन/ सिन्दूरी, आम (वन्य प्रजाति) रिष्टक/रीठा/डोडे, के अभिवहन पास पर छूट दी गई है।