शैल/सोलन। सोलन हिमाचल का शिमला के बाद दूसरा बड़ा शहर है। 2011 की जनसंख्या गणना के मुताबिक शहर की आवादी उस समय 39256 जो बढकर 50,000 का आंकड़ा पा कर चुकी है। सोलन में 1950 में नगर परिषद का गठन हो गया था। 33.43 वर्ग किलो मीटर में फैले शहर को Mushroom City of india और City of RedGold के खिताब भी मिल चुके है सोलन को नगर निगम बनाने का औपचारिक प्रस्ताव नगर परिषद बहुत पहले ही पारित करके सरकार को भेज चुकी है बल्कि इस प्रस्ताव पर जिलाधीश सोलन की ओर से 4.6.15 को कुछ स्पष्टीकरण भी मांगे गये थे इन स्पष्टीकरणों का जवाब जिलाधीश और सचिव शहरी विकास विभाग को 8.7.15 को भेज दिया गया था। लेकिन सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई कारवाई नही की गयी है। इस प्रस्ताव में शहर के साथ लगती 11208 जनसंख्या को भी शहर में मिलाने का प्रस्ताव दिया गया था। बल्कि इस मिलाये जाने वाले क्षेत्र मे कोई कृषि योग्य भूमि भी नही आती है।
अब जब धर्मशाला को नगर निगम बना दिया गया है। तब यहां के लोग इस मांग को लेकर बहुत सक्रिय हो गये है। लोगो ने नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष कुल राकेश पंत की अध्यक्षता में 10.7.17 को एक संघर्ष समिति का भी गठन कर लिया है। संधर्ष समिति ने 15.7.17 से 28.7.17 के बीच इसके लिये एक हस्ताक्षर अभियान भी छेड़ा था। जिसमें 7000 लोग इस प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर कर चुके है। आने वाले विधानसभा चुनावों की दृष्टि से सोलन के लोगों की इस मांग का जिले की राजनीति पर गहरा प्रभाव पडे़गा यह तय है। इस समय सोलन जिले पांच विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर भाजपा का कब्जा है केवल सोलन की सीट ही कांग्रेस के पास है जहां से कर्नल धनी रा शांडिल इस समय वीरभद्र मन्त्रीण्डल में मन्त्री है सोलन की इस मांग को स्वीकार करवाना शांडिल के रजनीतिक भविष्य के लिये भी महत्वपूर्ण होगा।