भगवान शिव के बिल्ववृक्ष की महिमा

Created on Thursday, 21 July 2016 13:26
Written by Shail Samachar

शिमला। तीन पत्तियों वाला बिल्व पत्र भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। इस का पेड़ कई शुभता लाता है।
बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते।
अगर किसी की शवयात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है।
वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है।
चार, पांच, छः या सात पत्तों वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है।
बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।
सुबह-शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्रा से पापों का नाश होता है।
बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते हैं।
बेल वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेलपत्रा चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप दूर हो जाते हैं।
बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता है।