Friday, 19 September 2025
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अभी तक जारी नहीं हो पायी एससी एसटी ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति

पढ़ाई छोड़ने की कगार पर पहुंचे सैकड़ों छात्र
शिमला/शैल। हिमाचल सरकार एससी एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति प्रदान करती है। यह छात्रवृत्ति सरकारी और प्राइवेट तथा हिमाचल या हिमाचल से बाहर पोस्ट मैट्रिक शिक्षा ग्रहण कर रहे प्रदेश के बच्चों को दी जाती है। इस योजना के तहत पंजाब के मोहाली स्थित वी.जे.ई.एस. गु्रप शिक्षण संस्थान में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठयक्रमों में प्रदेश के कई बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन इन छात्रों को वर्ष 2017, 2018 और 2019 से यह भुगतान नहीं किया जा रहा है। शिक्षा विभाग भुगतान न किए जाने के कारणों से इन छात्रों और इनके अभिभावकों को कोई भी संतोषजनक कारण नहीं बता रहा है। जबकि छात्रों ने इसके लिए वांच्छित सारे सत्यापित दस्तावेज समय पर विभाग को भेज रखे हैं। इस छात्रवृत्ति के सहारे ही इन वर्गों के छात्र ऐसे संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन जब उन्हें सरकार से उचित समय पर यह छात्रवृत्ति ही नहीं मिलेगी तो यह लोग पढ़ाई कैसे जारी रख पायेंगे यह एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है।
पिछले दिनों एससी वर्ग के लोगों ने शिमला में एक आयोजन करके यह आरोप लगाया था कि सरकार इन वर्गों के लिए आवंटित बजट का केवल 7% ही इनके लिए खर्च कर रही है इस आशय का एक ज्ञापन भी राज्यपाल को सौंपा गया है। लेकिन इसके बावजूद व्यवहारिक स्थिति यह है।
यही नहीं इन वर्गों के नेताओं के लिए भी यह सवाल बना हुआ है क्योंकि इस समय सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी एस सी समुदाय से हैं। सरकार में मंत्री भी ओबीसी समुदाय से हैं। अभी जब स्वर्ण आयोग के गठन को लेकर 300 किलोमीटर की पदयात्रा और शिमला में स्वर्ण आयोग के समर्थकों द्वारा आरक्षण की शव यात्रा निकालने का मामला गरमाया तब एस सी के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया। इसे संविधान का अपमान बताकर उच्च न्यायालय से इस आश्य की याचिका दायर करने की बात की। लेकिन इन लोगों के लिए सैकड़ों बच्चों की यह समस्या कोई व्यवहारिक अर्थ नहीं रख रही है। बल्कि इससे यही संदेश जाता है कि इन वर्गों के नेताओं के लिए इनके नाम पर राजनीति करना ही प्राथमिकता है इनकी समस्याओं का हल नही।

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