शिमला/बलदेव शर्मा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खु ने प्रदेश भाजपा पर शिमला, सोलन और बिलासपुर में 15 करोड़ की जमीन खरीदने का आरोप लगाया है लेकिन इस खरीद के कोई दस्तावेज उन्होने मीडिया को जारी नही किये हैं। पत्रकार वार्ताओं में आरोप लगाने के साथ उनकी पुष्टि के लिये दस्तावेजी प्रमाण क्यों जारी नहीं किये जा रहे हैं यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। लेकिन भाजपा ने भी इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया जारी नही की है। भाजपा द्वारा वीरभद्र सरकार के खिलाफ एक लम्बा चैड़ा आरोप पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही भाजपा पर लगने वाला यह आरोप और इस पर अपनाया गया खामोशी का रूख अपने में ही बहुत कुछ ब्यान कर जाता है।
स्मरणीय है कि 2016 को कालेधन के खिलाफ मोदी की कड़ी कारवाई के रूख में याद किया जायेगा क्योंकि पहले आय की स्वैच्छिक घोषणा योजना लायी गयी और उसके बाद नोटबंदी। कालेधन का सबसेे ज्यादा निवेश रियलइस्टेट में रहा है इसलिये मोदी सरकार का अगला बड़ा कदम इस दिशा में किये बड़े निवेश को लेकर होगा यह घोषणा की गयी है। रियलइस्टेट में हुए बड़े निवेश के तहत 2016 में राजधानी शिमला और उसके आप-पास जो जमीन के सौदे हुए हैं। यदि उन पर नज़र डाली जाये तो यह कुछ नाम सामने आते है तरूण बख्शी, वरूण बख्शी, बंप्पी बख्शी और अंजूबाला के नाम शिमला के करेडू में 19-7-2016, 15/9 और 26-10-2016 को अलग-अलग रजिस्ट्रीयां हुई। सबके नाम दो-दो रजिस्ट्रीयां है। एक रजिस्ट्री 1,60,000 चार 35-35 लाख और चार 28-28 लाख की हैं। इनके बाद दूसरा नाम मै0 एजिस सैन्टर प्वाईंट डवैलप्वरज मकान न0 1084 सैक्टर 27-बी चण्डीगढ़ का है। इन्होने शुईला में 17-6-2016 को 2-69-81 है 6.74 करोड़ और 1-92-99 है 5,08 करोड़ में रजिस्ट्री करवाई है। कमला नगर में मीनाक्षी के नाम 6-8-2016 और 12-8-2016 को 49-49 लाख की रजिस्ट्री है। 16-9-2016 को सुनील कुकरेजा ने बेम्लोई में शिखा अरोड़ा से 71 लाख में प्लाट की खरीद की है।
इसी तरह मै0 दक्षा इन्फ्रा बिल्ड प्रा0 लि0 बी-7/45 सफदर जंग एनकलेव ने गुडगांव के योगेश कौशिक के माध्यम से शिमला के पन्ती में करीब 30 बीघा जमीन 26/8, 27/8, 30-8-2016 को करीब 3.5 करोड़ रजिस्ट्री करवाई है। अभिनेता अनुपम खेर ने टुटु के देवेन्द्र मोहन से 8.6.2016 को एक प्लाट हरमन डिसूजा के माध्यम से 55 लाख में खरीदा है। लेकिन सबसे बड़ा सौदा कुफरी होटलज़ का हुआ है जिसे पटना के सत्यदेव हास्पिटैलीटी ने एक पंकज कश्यप के माध्यम से 32.50 करोड़ में खरीदा है। शिमला में 2016 में यही बडे़ सौदे हुए है। इनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आरोप को इंगित करता एक भी सौदा नही है। लेकिन इन सौदों में कई ऐसे सौदे हैं जिनमें भू-सुधार अधिनियम की धारा 118 को लेकर मिली अनुमतियों पर कई तरह की चर्चाएं हैं। क्योंकि जिन बिल्डरज़ ने यह बड़ी खरीद की है उन्हे इससे पूर्व सरकार से कई तरह के अनिवार्यता प्रमाण लेने आवश्यक थे। क्योंकि इतनी ज्यादा जमीन व्यवसायिक उद्देश्य के बिना नही खरीदी जा सकती है और इसके लिये सभी तरह की पूर्व अनुमतियां वांच्छित है। फिर इन जमीनों पर कितने पेड़ किस तरह के थे उसका प्रमाण पत्र 118 की अनुमति के समय स्वयं जिलाधीश को देना होता है । इसी के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि जमीन बेचने वाला इसके बाद स्वयं भूमिहीन तो नहीं हो जाता है। शैल को मिली जानकारी के मुताबिक 118 की अनुमति में बहुत सारी चीजों को नजर अंदाज कर दिया गया है।