Thursday, 18 September 2025
Blue Red Green
Home देश आसान नहीं होगा प्रदेश में कांग्रेस संगठन का पुनर्गठन

ShareThis for Joomla!

आसान नहीं होगा प्रदेश में कांग्रेस संगठन का पुनर्गठन

  • हाईकमान के लिये भी एक चुनौती होगा सरकार और संगठन में तालमेल बिठाना

शिमला/शैल। प्रदेश सरकार में मंत्री का एक पद खाली चला आ रहा है और संगठन की राज्य से लेकर ब्लॉक तक सारी कार्यकारिणीयां पिछले वर्ष नवम्बर से भंग चली आ रही है। यह स्थिति है प्रदेश में सरकार और संगठन की। इस स्थिति के लिये कौन जिम्मेदार है अब यह विषय आम आदमी में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। कांग्रेस संस्कृति से जो लोग परिचित हैं वह जानते हैं कि सरकार बनने के बाद सब कुछ मुख्यमंत्री और सरकार के गिर्द घूमना शुरू कर देता है और संगठन दूसरे दर्जे की स्थिति में तब पहुंच जाता है। जब संगठन का मुखिया इस पर परोक्ष/अपरोक्ष में सवाल उठाना शुरू करता है तब कार्यकारिणीयों को ही भंग कर दिये जाने तक हालात पहुंच जाते हैं। हिमाचल में भी सरकार और संगठन में वांच्छित तालमेल के अभाव के समाचार कांग्रेस हाईकमान तक लगातार पहुंचते रहे हैं। बल्कि समाचारों से निकलकर शिकायतें तक भी हाईकमान के पास पहुंची। लेकिन जब किसी चीज का भी असर नहीं हुआ तब सरकार के होते हुये पार्टी में दल बदल हो गया। छः विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा के साथ उपचुनाव हो गये। इन उपचुनावों में पार्टी अपने मूल आंकड़े चालीस तक फिर पहुंच गयी लेकिन लोकसभा की चारों ओर राज्यसभा की सीट भाजपा से हार गयी। इस हार जीत से न तो कांग्रेस हाईकमान ने कुछ सीखा और न ही प्रदेश में संगठन और सरकार में तालमेल बेहतर हो पाया है। यहां तक की तालमेल के लिये कमेटी तक का भी गठन हुआ परन्तु स्थितियां कार्यकारिणियों के भंग किये जाने तक पहुंच गयी। अब सरकार की परीक्षा पंचायत और पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में फिर दाव पर होगी। इन चुनावों में हर वोटर और हर घर उसको विधानसभा चुनावों में दी गई गारंटीयों का हिसाब मांगेगा ।
सरकार के अपने मंत्रियों और मुख्यमंत्राी में भी कितना तालमेल चल रहा है इसका इसी से पता चल जाता है कि अब मंत्रिमण्डल की बैठकों से भी मंत्रियों का गैर हाजिर होना एक आम बात होती जा रही है। इस बार लगातार चार दिन मंत्रिमण्डल की बैठकें चली और एक मंत्री चारों ही दिन इसमें गैर हाजिर रहा। हाईकमान ने संगठन के पुनर्गठन के लिये दिल्ली में बैठक रखी। सारे मंत्रियों को बुलाया गया। इस बैठक में हाईकमान के सामने सारा कुछ सामने आ गया है। यहां तक संज्ञान में ला दिया गया है कि सरकार में अफसरशाही किस कदर हावी है। कुल मिलाकर हिमाचल के बारे में खड़गे और राहुल को काफी जानकारियां इस बैठक में मिल गयी है। अफसरशाही किस कदर हावि है इसका बड़ा उदाहरण पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में ओबीसी को आरक्षण का फैसला है। हिमाचल में आज तक ओबीसी की अलग से जनगणना नहीं हुई है और जब कोई गणना ही नहीं हुई है तो आरक्षण किस आधार पर तय होगा। स्वभाविक है कि कोई गणना न होने से इस आरक्षण के प्रयास को कोई अदालत में चुनौती दे देगा और सारी प्रक्रिया स्टे करवा दी जायेगी। इसी तरह का चलन 2003 के बाद लगे कर्मचारियों की सेवा शर्तों में वाकायदा एक विधेयक पारित करवाकर बदलाव किया गया। इस बदलाव के कारण उनके वेतन में कटौती तक के आदेश जारी हुये। जिन्हें प्रदेश उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया है। स्वभाविक है कि जब इस तरह के परिदृश्य में एक सरकार चुनावों में जायेगी तो उसे क्यों और कितनी सफलता मिलेगी?
इसी परिदृश्य में यदि विरासत की राजनीति की भी प्रदेश में पड़ताल की जाये तो वर्तमान कांग्रेस में प्रदेश में स्व. ठाकुर रामलाल और स्व. वीरभद्र सिंह दो पूर्व मुख्यमंत्रीयों की अपनी-अपनी विरासत अभी भी चल रही है। इनके वारिस इस विरासत का दोहन कर रहे हैं। लेकिन संयोगवश दोनों ही वारिस इस समय मुख्यमंत्री के साथ नहीं है। स्व.वीरभद्र की प्रतिमा के प्रतिक्षित अनावरण की राजनीति ने इस विरासत में भी एक नया अध्याय जोड़ दिया है और इससे अनायास स्व. वीरभद्र और वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक रिश्ते फिर से चर्चा का विषय बनने लग गये हैं। इस तरह के राजनीतिक परिदृश्य में भावी संगठन और सरकार में किस तरह तालमेल बैठ पायेगा इस पर सबकी नज़रें लग गयी है। आज कांग्रेस के कार्यकर्ता भी यह मानने लग पड़े हैं की वर्तमान सत्ता को इस बात से कोई लेना देना नहीं रह गया है कि उसे एक प्रभावी संगठन की आवश्यकता है। क्योंकि जब संगठन प्रभावित होने का प्रयास करेगा तो वह सत्ता को अच्छा नहीं लगेगा। इस तरह प्रदेश में जो राजनीतिक परिस्थितियों निर्मित हो चुकी है उनसे अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह सरकार अपने एक विशेष दायरे के बाहर आने को तैयार ही नहीं है और इस तरह प्रदेश में नया संगठन अब हाईकमान के लिए भी चुनौती बन जायेगा।

Add comment


Security code
Refresh

Facebook



  Search