शिमला/शैल। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान काॅलेज एवं अस्पताल में अन्तरराष्ट्रीय नर्सिज दिवस के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय में नर्सों के लिये एक अलग प्रकोष्ठ की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य निदेशालय में एक अलग खण्ड का निर्माण किया जाएगा ताकि नर्सों का अपना कार्यालय हो।
उन्होंने नर्सों की मांग पर आहार भत्ता छः रुपये से बढ़ाकर 25 रुपये करने की भी घोषणा की। उन्होंने अनुबन्ध तथा रोगी कल्याण समिति के माध्यम से नियुक्त पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी नर्सों की सेवाओं को नियमित करने की घोषणा की। उन्होंने रोगी कल्याण समिति नर्सों को अनुबन्ध पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिये प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों को उनके घर द्वार के समीप गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य के दूर-दराज तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सभी रिक्त पदों को भरने के प्रयास किये जा रहे हैं तथा इन क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले अथवा स्त्तरोन्नत किये जा रहे हैं।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि आईजीएमसी की स्थापना वर्ष 1966 में की गई थी और पूर्व में इसे स्नोडन अस्पताल के नाम से जाना जाता था और आज आधुनिक उपकरणों एवं मशीनरी से सुसज्जित यह संस्थान अनुसंधान तथा गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं का एक सुस्थापित केन्द्र बनकर उभरा है।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि हालांकि, संस्थान का काफी विस्तार किया जा चुका है, फिर भी सरकार लोगों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये शिमला शहर के उपनगर में अस्पताल का एक अलग परिसर स्थापित करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी के अपने अलग परिसर के लिये प्रक्रिया आरम्भ की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि आॅकलैण्ड सुरंग के समीप नया बहुमंजिला ओपीडी खण्ड का निर्माण, सुपर स्पैशियलिटी ब्लाॅक तथा कमला नेहरु अस्पताल का नये ब्लाॅक का निर्माण जैसी अस्पताल विस्तार की नई परियोजनाओं पर निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि कोई संस्थान एक रात में नहीं बन जाता। यह एक जीवित शरीर की तरह होता है और एक पूर्ण संस्थान निर्माण के लिये समुचित योजना एवं लक्ष्यों का निर्धारण समाहित होता है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार आने वाले समय में भी अस्पताल के लिये पूर्ण सहयोग एवं सहायता प्रदान करेगी, ताकि मरीजों को उपचार के लिये राज्य के बाहर न जाना पड़े और गंभीर बीमारियों के उपचार पर अत्यधिक खर्च न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि कमला नेहरु अस्पताल के परिसर में एक अलग मातृ एवं शिशु राज्य अस्पताल बनाया जा रहा है जो आईजीएमसी का ही हिस्सा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिले के नेरचैक में ईएसआई अस्पताल एवं मेडिकल काॅलेज को भी सरकार अपनाएगी जिसके लिये बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक एवं पैरा मैडिकल स्टाॅफ को समर्पण की भावना से कार्य करना चाहिए तथा अपनी कार्यशैली में मानवीय संवेदनाओं को शामिल करना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने नर्सों से बीमार एवं जरूरतमन्द लोगों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाली फलोरेन्स नाईन्टिलगेल के आदर्शों का अनुसरण करने का आवाह्न किया।
स्वास्थ्य मंत्राी कौल सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि नर्सो की चिकित्सकों से अधिक जिम्मेवारी होती है, क्योंकि वे रोगियों के उपचार के समय तथा बाद में एक उपकारी भूमिका का निर्वहन करती हैं। उन्होंने नर्सिंग एसोसियेशन की मांगों का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पैरा मेडिकल स्टाॅफ के 4025 पद स्वीकृत करने के अलावा आईजीएमसी तथा मेडिकल काॅलेज नाहन में नर्सों की कमी को पूरा करने के लिये नर्सों के 377 पदों को भरने का मामला सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि नर्सों के अलग सेल के लिये धनराशि प्राप्त हो चुकी है तथा इसपर भी विचार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने आर.के.एस. नर्सों को अनुबन्ध पर नियुक्त करने तथा पांच वर्ष सेवाओं के उपरान्त उन्हें नियमित करने की मांग का समर्थन किया। उन्होंने लिंग अनुपात में सुधार के लिए नर्सों से बड़ी भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के आधार पर राज्य के लाहौल-स्पिति जिले का लिंग अनुपात देश भर में सर्वश्रेष्ठ है और यहां 1000 पुरूषों पर 1033 महिलाएं हैं।
सिडनी।। एक नए शोध के मुताबिक काली चाय में प्रचुरता से पाया जाने वाला एक प्रकार का फलेवनॉयड, क्व र्सटीन, धमनियों को ऑक्सीकरण से होने वाले नुकसान से बचाता है और हृदयवाहिका से सम्बंधित रोगों की सम्भावना घटाता है।
फ्लेवनॉयड पौधों में पाए जाने वाले साधारण वर्णक यौगिक होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है, विटामिन सी के असर को बढ़ाता है और रक्तवाहिकाओं के आसपास संयोजी ऊतकों की रक्षा करता है।
युनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न आस्ट्रेलिया के स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिसर्च फेलो नेतेली वार्ड और फार्मेकोलॉजी के प्रोफेसोरियल फेला, केविन क्रॉफ्ट ने चूहों पर किए गए एक प्रयोग के आधार पर कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि क्व र्सटीन, वाहिकाओं को ऑक्सीडेंट से होने वाले नुकसान से बचाने में सक्षम है।
शोध पत्रिका बायोकेमिकल फॉर्मेकोलॉजी के मुताबिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बात के प्रमाण हैं कि खाद्य फ्लेवनॉयड्स उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है और अथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को कम कर सकता है।
विश्वविद्यालय के बयान के मुताबिक वार्ड और क्रॉफ्ट ने कहा, भविष्य में हृदय रक्तवाहिकाओं पर फ्लेवनॉयड के असर से सम्बंधित अध्ययनों में अलग-अलग तरह के फ्लेवनॉयड और फ्लेवनॉयड के खाद्य स्रोतों के उपयोग पर विचार किया जाना चाहिए।