Friday, 19 September 2025
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माल रोड़ स्थित होटल विलो बैंक में करोड़ों का पानी घोटाला लेकिन नगर निगम कारवाई से रही कतरा


होटल मालिक कोछड़ के अरूण जेटली के करीबी होेेने की चर्चा

शिमला/शैल। क्या शिमला के मालरोड़ स्थित होटल विलो बैंक का केन्द्रिय वित्त मन्त्री अरूण जेटली के साथ वास्तव में हीे परोक्ष /अपरोक्ष में कोई संबंध है यह सवाल इन दिनो फिर चर्चा में है। स्मरणीय है कि हैरिटेज क्षेत्र में बना यह होटल अपने निर्माण के साथ भी चर्चा और विवाद में रहा है। इसको नियमित करने के लिये सरकार को निमार्ण के वाईलाज तक संशोधित करने पडे थे। तब यह चर्चा उठी थी कि इसके मालिक दिल्ली के सुन्दर नगर के निवासी एच एस कोछड़ के अरूण जेटली के साथ घनिष्ठ संबंध है और उन्होने कोछड़ की सहायता किये जाने की सिफारिश भी की है । सिफारिश का यह खुलासा उस वक्त चर्चा में आया था जब इसके निमार्ण के दौरान के दौरान आयी शिकायतों पर निगम ने मालिकों को काम रोकने के लिये 7-8-2000 , 25-01-2001 और फिर 24-03-2001 को नोटिस भेजे। जब इन नोटिसों पर काम नहीं रोका गया तब नगर निगम अधिनियम की धारा 294 के तहत इसके खिलाफ 07-04-2001 को कारवाई शुरू की गयी।07-04-2001से 05-10-2002 तक करीब 18 महीने चली कारवाई में 26 बार यह मामला सुनवाई में आया और इसी दौरान इसका निर्माण कार्य पूरा करके 28-08-2002 इसकी कम्पलिशन प्लान सौप दी गयी। 

इस कंपलिशन पर चार गंभीर एतराज लगे। पहला एतराज था कि यह निमार्ण सरकार के आदेश TCF(6) 40193 दिनांक 01-06-99 और नगर निगम के आदेश 169/ AP दिनांक 08-06-99 की अवहेलना में किया गया है। दूसरा एतराज था कि माल रोड़ के साथ ओर ऊपर तीन मंजिलें बना ली गयी । तीसरा था कि कुल तीन मंजिलों की स्वीकृति थी जिसमें मालरोड़ से ऊपर केवल एक मंजिल बननी थी तबकि पार्किंग ब्लाक में ही पांच मंजिले बना ली गयी जिसमें तीन को बन्द करके दो को सीढियों से होटल के साथ जोड़ दिया गया । 09-10-2002 को निगमायुक्त द्वारा सरकार को भेजी रिपोर्ट में चैथा एतराज प्लान ओवर राईटिंग और टेंपरिंग का लगाकर संबंधित अधिकारियों /कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई किये जाने की सिफारिश की गयी । लेकिन 04-02-2004 को निगम के संयुक्त आयुक्त ने पांचवी और छठी मंजिल की कंपाऊडिंग फीस तय कर दी तथा साथ ही यह भी लिख दिया कि इन्हे कंपाऊड नही किया जा सकता। इस पर कोछड ने CWP 625/ 2003 डालकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया । उच्च न्यायालय का फैसला 02-09-2003 को आया और उसमें स्पष्ट कहा गया कि दूसरी मंजिल तक हुई अनियमिताओं की फीस ले ली जाये लेकिन पांचवी और छठी मंजिल के किसी भी तरह के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती।
इसके बाद सरकार ने 28-02-11 को संशोधित वाईलाज अधिसूचित कर दिये। इस पर कोछड़ ने फिर निगम को कंपालिशन प्लान सौंपा जिसे निगम की सिंगल अम्बरेला कमेटी ने 28-06-12 की बैठक में अस्वीकार कर दिया । इस पर कोछड फिर उच्च न्यायालय पहुंच गया उच्च न्यायालय ने 28-05-12 को विभाग के सचिव को मामले की सुनवाई के निर्देश दिये । इन निर्देशों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बतौर अपील अथारिटी कोछड की अपील को संशोधित वाईलाज के नियम 4.9 के तहत स्वीकार कर लिया। उच्च न्यायालय का पहला फैंसला 02-09-2003 को आया और संशोधित वाईलाज 28-02-11 को अधिसूचित हुए। इससे साफ हो जाता है कि नगर निगम को 02-09-2003 के बाद अवैध निर्माण को गिराने की कारवाई करनी जो कि नहीं हुई। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद करीब आठ वर्ष तक निगम ने कारवाई नहीं की। सरकार भी खामोश रही बल्कि वाईलाज बदले गये। स्वाभाविक है कि यह सब किसी बडे के ही दबाव में हुआ होगा।
अब नगर निगम ने 2003 से लेकर अब तक इस होटल का काम पानी के आठ घरेलू कनैक्शनों के सहारे चलते रहने का वाटर घोटाला पकडा है। जबकि पानी के कनैक्शन कमर्शियल होने चाहिये थे। इस वाटर घोटाले की जानकारी मिलने पर निगम की लाॅ ब्रांच से राय लेकर होटल के खिलाफ 2,63,76,202 रूपये की रिकवरी 31 मार्च 2015 तक की निकाली है। कानूनी शाखा से सितम्बर 2015 में राय आ गयी थी जिस पर इतने एरियर का नोटिस तैयार कर दिया गया है लेकिन यह नोटिस अभी तक भेजा नही गया है और ना ही पानी के कनैक्शन बदले गये है। स्मरणीय है कि सितम्बर 2003 में 25 कमरो से शुरू हुए इस होटल में 2007 और 2008 में दस दस कमरे और जुडे। जब यह कमरे जुडे तब इनमें भी पानी की सप्लाई दी गयी होगीं फिर इस होटल के निमार्ण को लेकर लगातार विवाद चलता रहा है । सरकार और नगर निगम का सारा शीर्ष प्रशासन विवाद से पूरी तरह जानकार रहा है । ऐसे में किसी भी स्तर पर कोई कारवाई ना किया जाना कई सवाल खड़े करता है। धूमल और वीरभद्र दोनो के शासन कालों में यह मामला बना रहा है। आज वीरभद्र और उनका बेटा उनके खिलाफ हो रही सी बी आई और ई डी की कारवाई के पीछे अरूण जेटली का प्रमुख हाथ होने का आरोप लगाते आ रहे हैं इस परिदृश्य में आज इस होटल से जुडे इस वाटर घोटाले के खुलासे को भी इसी आईने में देखा जा रहा है।

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