Friday, 19 September 2025
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इन्वैस्टर मीट के खर्चों पर बाली ने मांगा श्वेतपत्र

शिमला/शैल।  जयराम सरकार की इन्वैस्टर मीट के परिणाम कितने और कब व्यवहारिक रूप से जमीन पर सामने आते हैं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन इसके प्रबन्धन पर हुए खर्च को लेकर कांग्रेस नेता एवम पूर्व मन्त्री जी एस बाली ने सरकार से श्वेतपत्र जारी किये जाने की मांग कर दी है। क्योंकि इस मीट में भाग लेने वाले हर व्यक्ति के ठहरने, खाने और आने जाने का प्रबन्ध सरकार की ओर से किया था। हिमाचल के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश करने का आमन्त्रण इस तर्ज पर दिया गया है। इस सरकार से पहले की सरकारों ने भी निवेश आमन्त्रित करने के लिये देश के विभिन्न भागों में रोड शो किये हैं। लेकिन उनमें सरकारी तन्त्र के कुछ लोग ही वहां जाकर उद्योगपतियों से मुलाकात करके उन्हें आमन्त्रित करते थे।
इस बार सरकार ने जिस ताम -झाम के साथ यह आयोजन किया है उसकी ओर प्रदेश के हर आदमी का ध्यान गया है। क्योंकि इस आयोजन के आस पास ही सरकार ने वैट बढ़ाकर पैट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाये और फिर एक ही झटके में रसोई गैस के दाम 77 रूपये बढ़ा दिये। सरकार को अपने खर्चे चलाने के लिये हर माह कर्ज लेना पड़ रहा है यह अब तक कि रिपोर्टों से सामने आता रहा है ऐसे में हजारों की संख्या में उद्योगपतियों और मीडिया को सरकारी खर्च पर बुलाने से सवाल तो उठने स्वभाविक हैं क्योंकि इस मीट की तैयारियों का जिम्मा एक कंपनी को दिया गया था और पांच हजार प्रतिदिन के किराये पर एलईडी टीवी लिये जा रहे थे। जो कि छः दिन तक चलने थे। प्रतिनिधियों के बैठने के लिये सोफा सैट तीन हजार किराये पर लिये जा रहे थे। इन्वैटर मीट स्थल पर ही 100 टी वी लगने थे। अकेले आईपीएच विभाग को ही कंपनी ने 20 लाख का बिल पाईपों का दिया हुआ है। दिलचस्प बात तो यह है कि उद्योग विभाग ने वाकायदा सरकार से इस कंपनी को लेकर सरकार से अनुमति तक ले रखी है। चर्चा है कि जब मुख्यमन्त्री के संज्ञान में यह सबकुछ आया तब उन्होंने अधिकारियों को इस पर लताड़ भी लगायी है। लेकिन इस लताड़ के बाद यह खर्चे रूक पाये हैं इसको लेकर कोई भी संवद्ध अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नही है। माना जा रहा है कि इसी कंपनी की भूमिका को लेकर जीएस बाली ने खर्चो पर श्वेतपत्रा की मांग की है।

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