Thursday, 18 September 2025
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शांडिल और कर्ण सिंह को छोड़ वीरभद्र का पूरा मन्त्रीमण्डल गंभीर आरोपों के साये में

ं कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित 40 नेताओं पर आरोप
ं मुख्यमन्त्री की पत्नी ,बेटा प्रधान निजि सविच और सुरक्षा अधिकारी भी आरोपों में
ं क्या वीरभद्र आरोप पत्र केमटी के खिलाफ मानहानि का दावा दायर करेंगे
शिमला/बलदेव शर्मा
भाजपा ने जब वीरभद्र सरकार के खिलाफ आरोप पत्र लाने की घोषणा की थी तभी सेे मुख्यमन्त्री बराबर यह कहते आये हैं कि वह झूठे बिना प्रमाणों के आरोप लगाने वालों के खिलाफ कारवाई करेंगे, मानहानि का दावा दायर करेंगे। अब भाजपा ने अपनी घोषणा को पूरा करते हुए सरकार के खिलाफ राज्यपाल को आरोप पत्र सौंप दिया है और इस पर जांच की मांग की है। इस आरोप पत्र में वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बेटे विक्रमादित्य सिंह, प्रधान निजि सविच सुभाष आहलूवालिया और मुख्य मन्त्री के सुरक्षा अधिकारी पदम ठाकुर के खिलाफ गंभीर आरोप है। मुख्यमन्त्री परिवार के अतिरिक्त सिंचाई एवम जन स्वास्थ्य मन्त्री विद्या स्टोक्स, स्वास्थ्य एवम राजस्व मन्त्री कौल सिंह, परिवहन मन्त्री जी एस बाली, ऊर्जा एवम कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया, वन मन्त्री ठाकुर सिंह भरमौरी, उद्योग मन्त्री मुकेश अग्निहोत्री, शहरी विकास एवम आवास मंत्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवम कराधान मंत्री प्रकाश चैधरी, पंचायती राज एवम ग्रामीण विकास मन्त्री अनिल शर्मा और विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
मन्त्रीयों के अतिरिक्त, कांग्रेस अध्यक्ष सुखबिन्दर सिंह सुक्खु, सीपीएस विनय कुमार, नन्द लाल, सोहन लाल, इन्द्रदत्त लखनपाल, नीरज भारती और रोहित ठाकुर पर भी आरोप हैं। इनके अतिरिक्त हर्ष महाजन, जगदीश सिपाहिया, कुलदीप कुमार, कुलदीप सिह पठानिया, राम लाल ठाकुर, ख्वाजा खलीलुल्ला, केवल सिंह पठानिया, सुभाष मंगलेट, राजेेन्द्र राणा, चन्द्र कुमार, राकेश कालिया, बम्बर ठाकुर और चेतराम सब आरोपों के साये में है। लेबर वैल्फेरय बोर्ड, प्रदेश के तीनों विश्वविद्यालय, अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर और प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा विधान सभा सचिवालय तक आरोपों में है। आरोपों के साथ पुष्टि करने वाले प्रमाण भी साथ सौंपे गये हैं। आरोपों की इतनी लम्बी सूची से पूरे तन्त्र की कार्य शैली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। क्योकि जब विभाग के मन्त्राी पर आरोप लगता है तब उस विभाग से जुड़ा शीर्ष प्रशासन भी स्वतः ही आरोपों  के घेरे में आ जाता है। इन आरोपों को देखने से लगता है प्रदेश को सैंकडो करोड़ के राजस्व की हानि पहुंचाई गयी है और जब यह हानि हुई है तो निश्चित रूप से इसमें किसी को अनुचित लाभ भी पहुंचा है। भाजपा ने अपने इस आरोप पत्र को ‘‘अली बाबा और चालीस चोर’’ के कथ्य का दस्तावेज करार दिया है और यह दस्तावेज निश्चित रूप से इसकी पुष्टि करता है।
मुख्यमन्त्री के अपने ऊपर गंभीर आरोप है। उनके साथ आय से अधिक संपत्ति और मनीलाॅडरिंग में सह अभियुक्त बने आढ़ती चुन्नी लाल को मार्किटिंग बोर्ड का निदेशक बनाने और फिर कांगड़ा सैन्ट्रल को- आपरेटिव बैक की जरी शाखा से 1.30 करोड़ का कर्ज नियमों के विरूद्ध दिलाने तथा कर्ज का अब तक न लौटाया जाना एक गंभीर आरोप है। फिर जिस कंपनी को हालीलाॅज किराये पर दिया उसी कंपनी को मायार घाटी में हाइड्रो प्रौजैक्ट लगाने के लिये 25.69 करोड़ रूपये लिये बिना पर्यावरण क्लीयरेंस दे दी। ब्रेकल कारपोरेशन को 1800 करोड़ का जुर्माना लगाने के उसका 200 करोड़ का अपफ्रन्ट प्रिमियम जब्त किया गया था लेकिन अब यह फैंसला पलटकर उसका 280 करोड़ वापिस करने का फैसला सीधा भ्रष्टाचार है। सोरंग हाईडल प्रोजैक्ट बनाने वाली कंपनी ने इसे एक विदेशी कपंनी को बचने का फैंसला लिया और इसकी स्वीकृति के लिये सरकार को आवेदन कर दिया। सरकार ने 20 करोड़ की अपफ्रन्ट मनी लिये बिना ही यह स्वीकृति प्रदान कर दी। मुख्यमन्त्री के सुरक्षा अधिकारी पदम ठाकुर की बेटियांें और बेटे को जिस ढंग से नौकरी दी गयी है उस पर विवाद उठना स्वाभाविक है।
इसी तरह मुख्यमंत्री के पास जितने विभाग है उनमें हरेक विभाग को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। लोक निमार्ण विभाग में टैण्डर सड़कों का रख- रखाव, भवन निमार्ण, चड्डा एण्ड चड्डा कंपनी को अनुचित लाभ देना तथा बर्फ हटाने के नाम पर भी घपला होनेे के आरोप हैं। शिक्षा विभाग में सीरामिक्स बोर्ड खरीद में घपला/ पुलिस भर्तीयों में घपला तथा पर्यटन विभाग की एशियन विकास बैंक की सहायता से चल रही सौंदर्यकरण योजना में घपले के गंभीर आरोप हैं। भाषा एवम संस्कृति विभाग के तहत आने वाले मन्दिरों भीमाकाली, जालपा माता मन्दिर और ज्वालामुखी मन्दिरों में प्रबन्धन पर आरोप पत्रा में संगीन आरोप लगाये गये हैं। इन सारे विभागों के खिलाफ लगे आरोपों के प्रमाण आरोप पत्रा के साथ सौंपे गये है। इन आरोपों को अभी सरकार ने सिर से खारिज कर दिया है। लेकिन जब इन आरोपों का पूरा ब्योरा जनता के सामने आयेगा तो फिर जनता सरकार के न कहने से ही सन्तुष्ट नही होगी यह तय है।

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