सुभाष आहलूवालिया फिर आये ईडी के निशाने पर
शिमला/शैल। मुख्यमन्त्री वीरभद्र सिंह के प्रधान निजि सचिव सुभाष आहलूवालिया की पत्नी मीरा वालिया ने प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पदभार संभाल लिया है। मीरा वालिया इससे पूर्व राजकीय कन्या माहविद्यालय शिमला की प्रिसिंपल के पद से सेवा निवृत होने के बाद शिक्षा के लिये गठित रैगुलेटरी कमीशन की सदस्य थी। अब सरकार ने रैगुलेटरी कमीशन से उनका त्यागपत्र स्वीकार करके लोक सेवा आयोग का सदस्य लगाया है। चर्चा है कि मीरा वालिया की नियुक्ति की फाईल राज्यपाल से करूक्षेत्र में साईन करवायी गयी और इसमें राज्यपाल के सलाहकार डा. शशीकांत ने भी पूरा योगदान दिया है, लेकिन भाजपा ने मीरा के पदभार संभालते ही उनकी नियुक्ति पर सवाल उठा दिये है। भाजपा नेताओं राजीव भारद्वाज, अजय राणा, राम सिंह और हिमांशु मिश्रा ने एक प्रैस ब्यान जारी करके इस नियुक्ति पर एतराज उठाया है। भाजपा नेताओं ने यह एतराज भाजपा शासन के दौरान आहलूवालिया दंपति के खिलाफ बने आये से अधिक संपत्ति मामले को लेकर उठाये हैं। स्मरणीय है कि इस मामले में इनका नार्कोटैस्ट तक करवाने की नौबत आ गयी थी, बल्कि मीरा वालिया को अपने बच्चों से मिलने के लिये विदेश नहीं जाने दिया गया था। उन्हें एयरपोर्ट से वापिस आना पड़ा था। मीरा वालिया के खिलाफ सरकारी नौकरी में रहते हुए एमवे कंपनी के लिये भी काम करने का आरोप लगा था और इस संबन्ध में कंपनी के साथ उनका अन्य सहयोगी के साथ एक फोटो भी चर्चित हुआ था।
आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच ऐजैन्सी ने सीए राजीव सूद की रिपोर्ट भी हासिल की थी। राजीव सूद ने अपनी रिपोर्ट में 70 लाख की संपत्ति आय से अधिक पायी थी। यह मामला भाजपा सरकार के जाने के बाद वीरभद्र सरकार में केन्द्र सरकार द्वारा अनुमति न दिये जाने के कारण समाप्त हुआ था, लेकिन वीरभद्र सरकार आने के बाद इस संद्धर्भ में एक शिकायत भारत सरकार द्वारा काले धन को लेकर गठित एसआईटी के सदस्य सचिव एमएल मीणा तक पंहुच गयी थी। वहां से यह शिकायत ईडी के शिमला स्थित कार्यालय में पहुंची। इस पर ईडी ने सुभाष आहलूवालिया को तलब किया था, लेकिन उस समय ईडी के शिमला कार्यालय में प्रदेश पुलिस का ही एक अधिकारी सहायक निदेशक नियुक्त था। जैसे ही ईडी ने आहलूवालिया के खिलाफ कारवाई शुरू की। प्रदेश सरकार ने तुरन्त प्रभाव से उस अधिकारी को डैपुटेशन खत्म करके उसे वापिस बुला लिया। उस समय यह मामला प्रदेश विधानसभा में चर्चित हुआ था। भाजपा ने इस पर चार दिन तक सदन नही चलने दिया था इस परिदृश्य में उस अधिकारी के प्रदेश में वापिस आने के साथ ही यह मामला एक तरह से दब गया था। अब स्वभाविक है कि अब जब सरकार ने मीरा वालिया को इतनी बड़ी नियुक्ति दे दी तो भाजपा को यह मामला उठाने का फिर से मौका मिल गया और उसने इस दिशा में कदम उठा लिया।
दूसरी ओर ईडी के उच्चस्थ सूत्रों के मुताबिक सुभाष आहलूवालिया के मामले पर ऐजैन्सी पुनः से सक्रिय हो गयी है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने चण्डीगढ़ और दिल्ली में आहलूवालिया परिवार के कुछ निकटस्थों से लम्बी पूछताछ इन दिनों की है, जबकि चण्डीगढ़ का व्यक्ति तो इस परिवार से अपने कारोबारी रिश्ते भी समाप्त कर चुका है, लेकिन इसके वाबजूद ईडी ने इनसे लम्बी पूछताछ की है। इसमें कुछ लोगों के ब्यान भी रिकार्ड किये गये हैं। शिकायत में पन्द्रह बैंक खातों की सूची सौंपी गयी है। सूत्रों के मुताबिक इन खातों से जुड़ी जानकारी ईडी हासिल कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक सुभाष आहलूवालिया और उनकी पत्नी मीरा वालिया को कभी भी तलब किया जा सकता है। इसमें जेपी उद्योग समूह तक भी शिकायत के तार जा रहें है और इस उद्योग के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है।